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    यूपी के इस ज‍िले में यमुना के उफान ने निगल ली 700 किसानों की तीन हजार हेक्टेयर फसल, म‍िलेगा मुआवजा

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 03:16 PM (IST)

    अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यमुना नदी में बाढ़ आने से 700 से अधिक किसानों की लगभग 3000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। धान बाजरा और सब्जियों की फसलें डूब गईं हैं जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है और सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जल्द ही मुआवजा वितरण शुरू किया जाएगा।

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    यमुना के उफान ने निगल ली 700 किसानों की तीन हजार हेक्टेयर फसल।- सांकेत‍िक तस्‍वीर(

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। यमुना का उफान इस बार टप्पल क्षेत्र के किसानों पर कहर बनकर टूटा। नदी का पानी उतरने के बाद तस्वीर साफ हुई तो सामने आया कि सात सौ से अधिक किसानों की करीब तीन हजार हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। पांच ग्राम पंचायतों में तो शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। धान, बाजरा व सब्जियों की फसलें पानी में समा गईं। किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। जिला प्रशासन प्रभावित किसानों को शासन के मानक अनुसार मुआवजा वितरण की तैयारी कर रहा है।

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    तहसील प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना किनारे बसे महाराजगढ़, घरबरा, लालपुर, पखौदना, ऊंटासानी व मालव पंचायत के गांवों में तो शत प्रतिशत फसलें चौपट हो गई हैं। धान व बाजरा की फसलें पानी में सड़ गईं। खेतों में अब सिर्फ झाड़-झंखाड़ व दलदल बचा है। मिट्टी की ऊपरी परत बह जाने से अगली फसल भी प्रभावित होने का खतरा है। इससे किसानों का दर्द और गहरा गया है। कई लोगों ने खेती के लिए कर्ज लिया था। अब फसल के साथ उनकी उम्मीदें भी डूब गई हैं।

    किसानों का कहना है कि सालभर मेहनत की थी, लेकिन कुछ दिनों की बाढ़ ने सब खत्म कर दिया। हाथ खाली हैं, पेट पालने की चिंता है। पानी उतरने के बाद खैर तहसील की राजस्व टीमों ने गांव-गांव जाकर नुकसान का आकलन किया। एसडीएम खैर शिशिर सिंह ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। सात गांवों में करीब सात सौ किसानों की तीन हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई हैं। जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा।

    ऑनलाइन पोर्टल पर भी नुकसान को अपलोड किया जा रहा है। जल्द ही मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तेजी से शुरू होगी। किसी भी प्रभावित किसान को राहत से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।

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