Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिका की टैरिफ व्यवस्था पर ऊहापोह की स्थिति में एक्सपोर्टर, क्या है आगरा के उद्यमियों की राय?

    Updated: Thu, 03 Apr 2025 05:32 PM (IST)

    अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ व्यवस्था लागू कर दी है लेकिन भारत सरकार ने निर्यातकों के हित में बीच का रास्ता निकाल लिया है। नए वित्त वर्ष के दूसरे दिन लागू टैरिफ को लेकर ताला हार्डवेयर इंजीनियरिंग कम्पोनेंट आटोमोबाइल्स के कलपुर्जे व अन्य सामान के निर्यातक व निर्माता बेचैन अवश्य रहे मगर आर्थिकी के जानकार निर्यातकों पर असर नहीं दिखा।

    Hero Image
    अमेरिका की टैरिफ व्यवस्था को लेकर ओहाफोह की स्थिति में निर्यातक

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार से कई देशों में अपनी टैरिफ (अमेरिकी जवाबी शुल्क) व्यवस्था लागू कर दी है। नए वित्त वर्ष के दूसरे दिन लागू टैरिफ को लेकर ताला, हार्डवेयर, इंजीनियरिंग कम्पोनेंट, आटोमोबाइल्स के कलपुर्जे व अन्य सामान के निर्यातक व निर्माता बेचैन अवश्य रहे, मगर आर्थिकी के जानकार निर्यातकों पर असर नहीं दिखा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भले ही कई उद्यमी व्यापार के ठिठकने की बात कर रहे थे, मगर भारत सरकार के निकाले गए बीच के रास्ते व अन्य प्रयासों ने उद्योग जगत को राहत दिखाई की किरण दिखाई है। उद्योगपति अभी स्थिति को लेकर भ्रम में हैं। शहर से 50 निर्यातकों का 500 करोड़ रुपये से अधिक का अमेरिका में वार्षिक कारोबार है। इन पर टैरिफ की चेतावनी बेअसर दिख रही है।

    ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति की शपथ लेते ही टैरिफ लागू करने का एलान किया था। उन्होंने रूस, चीन, यूरोपीय देशों के लिए लागू करना प्रारंभ कर दिया था। उनका मानना था कि जब अमेरिका आयतित माल पर कम शुल्क लेता है, तो दूसरे देश उनके उत्पादों पर अधिक क्यों वसूल रहे हैं?

    भारत में अमेरिका से आयतित कार, दोपहिया वाहनों की कीमत पर 100 प्रतिशत शुल्क लेता है। इस घोषणा के बाद भारत सरकार ने टैरिफ व्यवस्था को लेकर प्रयास तेज कर दिए।

    निर्यातकों के अनुसार भारत आयातित होने वाले पेट्रोलियम में तीन प्रतिशत अमेरिका से, 17 प्रतिशत रूस, सात प्रतिशत सऊदी अरब व अन्य देशों से खरीदता है। 25 प्रतिशत तेल खुद का है। टैरिफ का देश पर असर न पड़े, इसके लिए अब अमेरिका से करीब 25 प्रतिशत पेट्रोलियम खरीद करने जा रहा है।

    अमेरिका की कार कंपनी टेस्ला का हैदराबाद में प्लांट लगने जा रहा है। मनमोहन सरकार ने वर्ष 2009 में अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील की थी, उस पर काम नहीं हुआ था। अब भारत सरकार न्यूक्लियर पर अमेरिका के साथ काम करेगी। इसके लिए तकनीक अमेरिका की होगी। भारत में केंद्र बनेगा।

    अमेरिका ने भले ही दो अप्रैल से टैरिफ व्यवस्था लागू कर दी हो। मगर देश के निर्यातकों के हित में भारत सरकार ने बीच का रास्ता खोजा है। अमेरिका के साथ कई अन्य व्यापारिक समझौता हुए हैं। टैरिफ व्यवस्था बेअसर रहेगी।

    धनजीत वाड्रा, उद्योगपति

    अमेरिका के कारोबारियों में टैरिफ को लेकर डर होता तो वे भारत से माल नहीं मंगाते हैं। उन्होंने 31 मार्च को ही करोड़ों रुपये का माल अमेरिका भेजा है। निर्यातकों के हित में भारत सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है।

    अजय पटेल, निर्यातक

    देशी-विदेशी उद्यमियों पर टैरिफ का कोई असर नहीं दिखा है। पहला दिन ऊहापोह की स्थिति में गुजरा है। भारत से आयातित होने वाले माल पर अमेरिका सकारात्मक नजरिया रखेगा। अमेरिका के कारोबारी लगातार आर्डर दे रहे हैं।

    राकेश अग्रवाल, निर्यातक

    यह भी पढ़ें: US News: ट्रंप की टैरिफ नीति और कर्मचारियों में कटौती से अमेरिका में बढ़ रही चिंताएं, मंदी का संकेत