Chhath Puja 2022 : चार दिनी महापर्व का आज दूसरा दिन, व्रती कर रहे खरना, ये हैं विशेष मुहूर्त और विधि
Chhath Puja 2022 छठ पर्व में सूर्य उपासना का आज दूसरा दिन है। शुक्रवार को नहाय खाय मनाने के बाद आज व्रती खरना करेंगे। व्रती स्वच्छता के साथ कल सूर्यास्त की पूजा के लिए डलिया तैयार करेंगे जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रसाद रखे जाएंगे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Chhath Puja 2022 : छठ पर्व में सूर्य की उपासना का आज दूसरा दिन है। शुक्रवार को नहाय खाय मनाने के बाद आज व्रती खरना करेंगे। चार दिनों के इस महापर्व में आज भी व्रती स्वच्छता के साथ कल सूर्यास्त की पूजा के लिए डलिया तैयार करेंगे, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रसाद रखे जाएंगे। स्वच्छता का विशेषकर ध्यान रखते हुए प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनेगा। छठ महापर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मुख्य तौर पर मनाया जाता है।
चार दिनों तक चलता है पर्व
छठ पूजा में सूर्य देवता का पूजन किया जाता है और यह पर्व चार दिनों तक चलता है। सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र और महान योद्धा कर्ण ने की थी। मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव और छठी मईया की पूजा अर्चना करने निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान की सुख समृद्धि व दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
खरना का महत्व
खरना को लोहंडा भी कहती हैं। छठ पर्व में इस दिन का विशेष महत्व होता है। नहाय खाय वाले दिन घर को पवित्र कर व्रती अगले दिन की तैयारी करती हैं। जब खरना आता है तो सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखते हैं। इस दौरान अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाता है। शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर बनाई जाती है। इस खीर को कुछ जगहों पर रसिया भी कहते हैं। इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है। हालांकि शहरी इलाकों में मिट्टी के चूल्हे की उपलब्धता न हो पाने की स्थिति में कुछ लोग नए गैस चूल्हे पर भी इसे बनाते हैं पर चूल्हा नया हो और अशुद्ध न हो इसका खास ध्यान रखा जाता है।
छठ पूजा का दूसरा दिन
छठ पूजा के दूसरे दिन यानी आज शनिवार को कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रती दिनभर का उपवास रखेंगे। इस दिन को खरना कहा जाता है। इस दिन सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखते हैं। अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाता है। शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर बनाई जाती है। इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है।
छठ पूजा की तिथि
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05ः 49 बजे
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03ः 27 बजे
सूर्यास्त का समय सायं 5ः37 बजे
पूजन सामग्री
छठ पूजा के लिए बांस की बड़ी टोकरियों या सूप की जरूरत होगी। इसके अलावा लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, चावल, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, पानी वाला नारियलए गन्ना, सुथनी, शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, नींबू, शहद, पान, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन और मिठाई की जरूरत होगी।
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