यहां से दूर है जाति-धर्म के रंग, हिंदू-मुस्लिम संग मिलकर बनाते हैं शिव की कावड़ पर सजने वाले घुंघरू व घंटियां
देश में गंगाजी के उद्गम स्थल गंगोत्री हरिद्वार जैसे धर्म स्थलों से जल लेने के लिए कांवड़ियां उत्तर प्रदेश दिल्ली हरियाणा राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों से जाते हैं। यात्रा पर जाने से पहले सभी अपने कांवड़ को सजाते हैं। इन कांवड़ को सजाने में उपयोग होने वाली घंटी और घुंघरू बनाने का काम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिंदुओं के साथ मिलकर मुस्लिम कारीगरों द्वारा किया जाता है।

जागरण ऑनलाइन डेस्क: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है। इस महीने में भगवान शिव के भक्त उन्हें जल अर्पित करने के लिए गंगा से कांवड़ में जल भर लाते हैं। यह त्योहार मानसून के समय श्रावण माह में जुलाई-अगस्त के दौरान आता है। इस साल कावड़ यात्रा 4 जुलाई से शुरू हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त तक होगा। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त कांवड़ियां अपनी कांवड़ को मनोहर रूप से भक्ति के रंग में सजाते हैं। कांवड़ सजाने में भगवान शिव की तस्वीर स्वरूप, फूल, घंटी और घुंघरू जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है।
कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी कई जगह देखने को मिलती है। देखें भगवान शिव की कांवड़ सजाने के लिए इस्तेमाल में आने वाली घुंघरू व घंटी के निर्माण और उसमें हिंदू- मुस्लिम का प्रेमभाव...
यहां हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाते हैं घंटी व घुंघरू
गौरतलब है कि देश में गंगाजी के उद्गम स्थल गंगोत्री, हरिद्वार जैसे धर्म स्थलों से जल लेने के लिए कांवड़ियां उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों से जाते हैं। यात्रा पर जाने से पहले सभी अपने कांवड़ को सजाते हैं। इन कांवड़ को सजाने में उपयोग होने वाली घंटी और घुंघरू बनाने का काम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिंदुओं के साथ मिलकर मुस्लिम कारीगरों द्वारा किया जाता है।
कंपनी में काम करने वाले मजदूर अरमान ने बताया ‘मैं धर्म से मुस्लिम हूं लेकिन यहां कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू-मुस्लिम साथ मिलकर काम करते हैं। हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम भेदभाव जैसा कुछ नहीं है। मजदूर ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक हिंदू धर्म से हैं लेकिन उन्होंने कभी धर्म व जाति में भेदभाव नहीं किया। यहां हमारी दिहाड़ी बहुत अच्छी चल रही है और कोई भेदभाव भी नहीं है इसलिए हम यहां आराम से खुलकर काम कर पाते हैं।
घंटी-घुंघरू के कारोबार में आई तेजी
फैक्ट्री के मालिक राजशेखर शर्मा ने बताया कि कांवड़ यात्रा का समय नजदीक आने से इसे सजाने व इसके श्रृंगार में काम आने वाली घंटी-घुंघरू के कारोबार में भी तेजी आई है। जो धंधा सुस्त पड़ा था वह रफ्तार पकड़ रहा है। साथ ही राजशेखर ने बताया कि कंपनी में सभी शिवालय के लिए घंटे इत्यादि बनते हैं साथ ही कांवड़ के लिए घंटी-घुंघरू हिंदू व मुस्लिम दोनों धर्म के सहयोग से बनाया जाता है।
दरअसल अगले महीने कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है और इस दौरान घुंघरू व घंटी की मांग ज्यादा होती है। इसी को देखते हुए कारखानों में इन्हें बनाने का कार्य जोरों पर किया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इन वस्तुओं को बनाने का कार्य हिन्दू व मुस्लिम कारीगरों द्वारा मिलकर किया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।