स्कूल में पढ़ाई के साथ कुत्तों की ‘गिनती’ भी करेंगे शिक्षक, बेसिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी किया है जिसके अनुसार अब शिक्षक स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ कुत्तों की गिनती भी करेंगे। य ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अब परिषदीय स्कूलों के शिक्षक केवल बच्चों को पढ़ाते ही नहीं दिखेंगे, बल्कि सड़कों पर आवारा कुत्तों की खोज और प्रभावित स्थलों की गिनती करते हुए भी नजर आएंगे। शासन के आदेशानुसार, उच्चतम न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका के अनुपालन में शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की पहचान, रोकथाम और नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी कड़ी में बेसिक शिक्षा विभाग ने अलीगढ़ समेत समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कार्यवाही शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं, जिससे एसआइआर में उलझे शिक्षक भी हैरान हैं। शिक्षक संगठनों ने तो विरोध शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 22 अगस्त व सात नवंबर को अपने आदेश में संस्थागत क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर राज्य सरकारों को आदेश सुनाया।
इसके बाद शासन ने कुत्तों के आतंक से प्रभावित सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों की पहचान करने, आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए परिसर को पर्याप्त बाड़, चाहरदीवारी व गेट को सुरक्षित करने, परिसर की स्वच्छता और आवारा कुत्तों का प्रवेश रोकने के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करने, नोडल अधिकारी का नाम, संपर्क नंबर, आगमन के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित करने के आदेश समस्त विभागों को दिए, जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
यह भी पढ़ें- Aligarh News: आगरा के युवक की लोधा में हत्या, आधार कार्ड से हुई पहचान
‘डाग ट्रैकर’ बनेंगे शिक्षक, विभागों से समन्वय कर चिह्नांकन
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राकेश कुमार सिंह ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसके अनुसार, अपने-अपने विकास खंड क्षेत्र में समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त विद्यालयों के परिक्षेत्र एवं नगर निगम सीमांतर्गत आने वाले परिक्षेत्रों में ऐसे संस्थानों को चिह्नित करें, जहां आवारा कुत्तों का आतंक है।
संबंधित नगर निकाय व पशु कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर आवारा कुत्तों के संबंध में चिह्नाकर कर सूचना जिला मुख्यालय पर प्रेषित की जाए, ताकि शासन को अग्रसरित की जा सके। इससे साफ है कि आवारा कुत्तों के चिह्नांकन के लिए अब शिक्षकों को भी स्कूल से बाहर निकलना पड़ेगा। एसआइआर के बाद शिक्षक अभी आगामी जनगणना में लंबी ड्यूटी को लेकर ही चिंतित थे, अब सरकार ने ‘डाग ट्रैकर’ की नई जिम्मेदारी दे दी है।
......
यह आदेश शिक्षक पद की मर्यादा के खिलाफ एवं सम्मान से खिलवाड़ है। शिक्षक संघ इसे स्वीकार नहीं करेगा। एसआइआर, राशन, बीएलओ, मिड डे मील पकाने समेत तमाम कार्य शिक्षकों से कराए जा रहे हैं, क्या अब कुत्ते भी ढूंढने निकलेंगे।शीघ्र आदेश वापस नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
- डा. प्रशांत शर्मा, जिलाध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ।
---

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।