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    Commitment to serve the community : बेहतर व मजबूत शिक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण कर शिक्षा के अधिकार को सुदृढ़ करें : नटवर गोयल

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Thu, 15 Sep 2022 04:43 PM (IST)

    Commitment to serve the community कोरोना ने पूरी दुनिया की व्‍यवस्‍था को तहस नहस कर दिया। लगभग दो साल के बाद व्‍यवस्‍थाएं पटरी पर लौट रही हैं। भारत में आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन निम्‍न वर्ग के बच्‍चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

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    गरीब बच्‍चों के बीच पहुंच उनका हाल जानते नटवर गोयल।

    अलीगढ़, जेएनएन। Commitment to serve the community : कोरोना का कहर पूरी दुनिया ने झेला है। लगभग दो साल के बाद कोरोना से मुक्‍ति मिली है। कोरोना ने हर वर्ग को परेशान किया। इससे व्यापारी वर्ग से लेकर स्वास्थ व्यवस्था और नयी पीढ़ी के युवाओं की सेहत और शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़े हैैं। वर्तमान में भारत की आर्थिक व्यवस्था प्रगति के पथ पर है। व्‍यापार जगत मंदी से उबर रहा है। उच्च व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्‍चे इंटरनेट और online classes का सहारा लेकर अपने शिक्षा पूरी कर रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर निम्न वर्गीय व अति पिछड़ा वर्ग शिक्षा से वंचित हो गया है। भारत की बात करें तो मार्च 2020 में पहले lockdown के बाद से ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया। इसके बाद कोरोना संक्रमण में कमी आने पर स्कूल कई बार खोले गए, लेकिन गरीब तबके के बच्चे स्कूल का मुंह नहीं देख सके।

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    ऐसे में उत्तर प्रदेश के All India Vaish Mahasammelan के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नटवर गोयल ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए अपने capital Lucknow में शिक्षा को बढ़ावा देते हुए गरीब वर्ग के बच्चों को पढ़ने के साधन और मुफ्त शिक्षा का जरिया बने हुए हैं, साथ ही बच्चों के परिवार के लिए सरकार से मुफ्त राशन के लिए हर पहल कर रहे हैं। उनका मानना है की देश का भविष्य इन नन्हें हाथों में ही है। इनके आज को संवारेंगे तो यह देश का कल सवारेंगे।

    लाकडाउन के बाद बढ़ा ई लर्निंग का चलन : उन्होंने बताया कि वह प्रयासरत हैं कि बच्चों को ई-लर्निंग के तहत ऐसी डिजिटल ऑडियो और वीडियो सामग्री तैयार की जाए, जिससे पढ़ाना और पढ़ना दोनों सहज और मजेदार बने। भारत में कोरोना लॉकडाउन के बाद ई-लर्निंग का चलन बढ़ा है। अब तो ई-लर्निंग सेवा देने वाले अपने कार्यक्रम को विस्तार भी दे रहे हैं और बच्चे स्कूल के बाद भी इन प्लेटफॉर्म की मदद से अपनी समझ को बढ़ा रहे हैं। उम्‍मीद है कि इससे अलीगढ़, हाथरस सहित आसपास के छात्रों को काफी मदद मिलेगी।

    हर रविवार गरीब बच्‍चों से मिलते हैं : Natwar goyal गरीब बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। वह हर रविवार इन गरीब बच्चों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी पढ़ाई पर चर्चा करते हैं और परिवार से बच्चों के पोषण का भी ध्यान रखते हैं। उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुये कहा जा सकता है कि समाज में नटवर गोयल जैसे व्यक्तियों की आवश्यकता है। नटवर गोयल बताते हैं कि महामारी के दौरान लाखों बच्चों के शिक्षा प्रभावित हुई है। अब समय आ गया है कि बेहतर और अधिक न्यायपूर्ण एवं मजबूत शिक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण कर शिक्षा के अधिकार को सुदृढ़ किया जाए। इसका उद्देश्य सिर्फ महामारी से पहले की स्थिति बहाल करना नहीं, बल्कि व्यवस्था की उन खामियों को दूर करना होना चाहिए जिनके कारण लंबे समय से स्कूल के दरवाजे सभी बच्चों के लिए खुले नहीं हैं।”