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    अलीगढ़ में एक परिवार ने एससी एक्ट में दर्ज कराए 16 मुकदमे, सच्चाई जांचने पहुंची आयोग की टीम

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    अलीगढ़ के हस्तपुर गांव में एक परिवार द्वारा 15 वर्षों में SC एक्ट के तहत 16 मुकदमे दर्ज कराने के मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की टीम पहुंची। परिवार पर मुआवजा वसूली के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कराने के आरोप हैं। टीम ने अधिकारियों से बातचीत की गांव में पीड़ितों और ग्रामीणों से मिली।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण टीम, अलीगढ़। इगलास क्षेत्र के हस्तपुर गांव के एक परिवार ने पिछले 15 वर्ष में विभिन्न लोगों पर एससी एक्ट से जुड़े कुल 16 मुकदमे दर्ज कराए हैं।

    इसमें पांच मुकदमे में पुलिस के स्तर से फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लग चुकी है। अन्य मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं। संबंधित परिवार का आरोप है कि पुलिस उनके मुकदमे में कार्रवाई नहीं कर रही है।

    वहीं, विपक्षियों का आरोप है कि मुआवजा वसूली के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। पिछले कुछ वर्ष में ही इस परिवार ने लाखों का मुआवजा ले लिया है।

    दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप व सच्चाई जांचने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग की तीन सदस्यीय टीम अलीगढ़ आई है। आइपीएस अधिकारी व आयोग की डीआईजीपी (पुलिस उप महानिरीक्षक) सनमीत कौर के नेतृत्व वाली टीम ने करीब छह घंटे तक पड़ताल की।

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    सर्किट हाउस में अधिकारियों से बातचीत की। गांव में संबंधित परिवार के साथ ग्रामीणों से बात की। विपक्षियों के भी बयान लिए। टीम ने अब तक मिले मुआवजे व मुकदमे को लेकर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

    जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर इगलास क्षेत्र के हस्तपुर गांव में विष्णु का परिवार रहता है। इसमें उसकी मां चंद्रावती और पिता चंद्रपाल भी हैं। इस परिवार ने 2010 से लेकर अब तक एससी-एसटी एक्ट से जुड़े कुल 16 मुकदमे दर्ज कराए हैं। इससे लाखों रुपये का मुआवजा भी लिया है।

    इनमें पांच मामलों में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) भी लग चुकी है। मुकदमे में आरोपित लोगों का आरोप है कि इस परिवार ने मुआवजे के लिए एक्ट का दुरुपयोग किया है। इन लोगों ने आयोग से भी शिकायत की थी।

    वहीं, संबंधित परिवार ने भी आयोग को पत्र भेजकर उनके द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की कार्रवाई न होने व परिवार को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद आयोग ने डीआईजीपी सनमीत कौर, उपनिदेशक डॉ. आर. स्टालिन व कानूनी सलाहकार नीति चौधरी की समिति गठित की।

    मंगलवार को समिति दोपहर 12 बजे जिले में पहुंची। यहां सर्किट हाउस में करीब डेढ़ घंटे तक डीएम, एसएसपी, सीओ व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मुकदमे की स्थिति, चार्जशीट व ट्रायल की जानकारी ली गई। मुआवजा वितरण पर भी चर्चा हुई।

    अधिकारियों को कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद टीम ने गांव में पहुंचकर परिवार से बातचीत की। ग्रामीणों से भी हालात जाना। इस दौरान विष्णु ने आयोग को बताया कि उसके परिवार को जान का खतरा है, इसलिए सुरक्षा दी जाए।

    टीम ने खेत पर बने कमरे व घटनास्थल का निरीक्षण किया। कोतवाली में भी बैठक हुई, जहां आयोग की टीम ने मुकदमे की जानकारी ली। दूसरी ओर से प्रधान के पति बबलू के अलावा श्रीकृष्ण सहित अन्य ग्रामीणों ने टीम से कहा कि विष्णु झूठे मुकदमे दर्ज कराकर उत्पीड़न कर रहा है।

    टीम ने दोनों पक्षों को सुना। मौके पर एसपी ग्रामीण अमृत जैन, एसडीएम पारितोष मिश्रा, तहसीलदार सतीश बघेल, कोतवाल नरेंद्र यादव समेत अन्य मौजूद रहे।

    एक ही थाने में 16 मुकदमे

    विष्णु ने इगलास थाने में 16 मुकदमे अब तक पंजीकृत कराए हैं। इनमें से 11 तो एक ही परिवार पर हैं।

    मुआवजे के आंकड़ों में अंतर पर मांगी रिपोर्ट

    सर्किट हाउस में बैठक के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विष्णु के परिवार को अब तक 13 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है। जबकि आयोग की समिति के पास 46 लाख रुपये वसूले जाने की जानकारी थी।   इस पर समिति ने दोबारा जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

    2017 में भेजी गई थी रिपोर्ट

    तत्कालीन डीएम ऋषिकेश भास्कर यशोद व एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने 22 अगस्त 2017 को आयोग को संयुक्त रिपोर्ट भेजी थी। इसमें कहा गया था कि विष्णु का परिवार एक्ट का दुरुपयोग कर रहा है। पुलिस पर झूठे आरोप लगा रहा है। कुछ वर्ष में कई मुकदमे कराकर मुआवजा वसूला है। आयोग ने कुछ दिन बाद इस रिपोर्ट को खारिज कर नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए थे।

    सुरक्षा की मांग के लिए आयोग में हुई थी सुनवाई 

    विष्णु  का कहना है कि हाल ही में उसके पिता चंद्रपाल सिंह पर हमला हुआ था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उन्हें जातीय रूप से परेशान किया जा रहा है। इस पर आयोग में सुनवाई हुई और पुलिस को भी तलब किया गया।

    विष्णु का दावा है कि आयोग ने सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिस ने पालन नहीं किया। आरोपियों पर भी कार्रवाई नहीं हुई। आयोग की समिति ने करीब एक घंटे तक परिवार से बातचीत कर घटनास्थल का निरीक्षण किया।

    हस्तपुर में एक परिवार द्वारा कई मुकदमे दर्ज कराने के मामले में जांच के लिए आयोग की तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को जिले में पहुंची थी। टीम ने परिवार द्वारा दर्ज मुकदमे व मिले मुआवजे की जानकारी मांगी है। स्थलीय निरीक्षण भी किया।- संजीव रंजन, डीएम

    इगलास क्षेत्र के एक ही परिवार ने एससी एक्ट से जुड़े कुल 16 मुकदमे दर्ज कराए हैं। इसमें पांच मुकदमे में एफआर लग चुकी है। इसी की जांच को लेकर तीन सदस्यीय टीम जिले में पहुंची थी। संबंधित लोगों से बातचीत भी की। अब आयोग के स्तर से ही इसमें निर्णय होना है। नीरज जादौन, एसएसपी