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    Hathras Ramlila 2022 : खिलखिलाते हुए जलेगा रावण का पुतला, इको फ्रेंडली पटाखों का होगा प्रयोग

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 03:27 PM (IST)

    Hathras Ramlila 2022 इस बार हाथरस की रामलीला में रावण के पुतले का दहन इको फ्रेंडली पटाखों से होगा। इससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। पुतला दहन वाले स्‍थान पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोरोना काल के बाद धूमधाम से रामलीला का आयोजन हो रहा है।

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    दशहरा पर्व पर रावण के 70 फीट के पुतले का दहन किया जाएगा।

    हाथरस, जागरण संवाददाता। Hathras Ramlila 2022 : दशहरा पर्व पर रावण के 70 फीट के पुतले का दहन किया जाएगा। इस बार रावण खिलखिलाते हुए जलेगा। इसमें eco friendly पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा। पुतला दहन वाले स्थान पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम रहेंगे। दशहरा मेले का आयोजन आगरा रोड स्थित Polytechnic Grounds में पांच अक्टूबर को किया जाएगा। कोरोना काल के बाद यह पहली बार धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए रावण के पुतला बनाने का कार्य 20 दिन से चल रहा है। इस पुतले को पालीटेक्निक के मैदान के अलावा शहर में आगरा स्थित एक गोदाम में बनाया जा रहा है। पुतले का निर्माण तीन पार्ट में हो रहा है। इसे बनाने के लिए आठ कारीगर लगाए गए हैं।

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    पुतले का आकर्षण होगा नाभि चक्र व छतरी

    नवीपुर निवासी विनोद बताते हैं कि पुतला बनाने का कार्य उनके परिवार में 100 वर्षों से होता आ रहा है। वह आगरा, मथुरा, सिकंदराराऊ के अलावा पंजाब व महाराष्ट्र में भी रावण के पुतले बना चुके हैं। इस बार रावण का पुतला खिलखिलाते हुए जलेगा। नाभिचक्र, मुकुट व आंखों पर लाल रोशनी जलेगी। वहीं ऊपर घूमती हुई छतरी इसका मुख्य आकर्षण होगी।

    प्रदूषण कम करेंगे ग्रीन पटाखे

    विनोद बताते हैं कि पुतले को तैयार करने में बांस, जेबरी, सन, लेई, कागज, अबरी, रंग का प्रयोग होता है। प्रदूषण कम करने के लिए ग्रीन पटाखों का प्रयोग किया जाएगा। पुतले को खड़ा करने के लिए क्रेन का सहरा लिया जाएगा। इसकी नाभि में तीर लगते ही चक्र घूमने लगेगा।

    दो दिन काली की शोभायात्रा

    काली का प्रदर्शन चार अक्टूबर को और दूसरे दिन दशहरा वाले दिन काली अंगूमल धर्मशाला से प्रमुख बाजारों से प्रदर्शन करते हुए निकलेगी। इसीदिन रामलीला ग्राउंड से रामजी का डोला विभिन्न बाजारों से होते निकलेगा। दोनों हन्नासेन बगीची से साथ-साथ पालीटेक्निक मैदान पहुंचेंगे। यहां प्रदर्शन के बाद राम के बाण छोड़ते ही पुतला दहन हो जाएगा।

    पुतला दहन के पास तीन गैलरियां

    सुरक्षा को लेकर पुतला दहन स्थल के पास गैलरी की तीन बेरीकेडिंग बनाई जाएंगी। इनमें पहली में दर्शक होंगे, दूसरी में आयोजन कमेटी के लोग, प्रशासन व वीआइपी रहेंगे। तीसरी गैलरी में रावण का पुतला, रामजी, काली माई व भैरव के स्वरूप, उस्ताद खलीफा व अखाड़े के लोग रहेंगे। रामलीला कमेटी के प्रबंधक ने बताया कि वह पिछले 30 साल से काली का स्वरूप बनते आ रहे हैं।

    इनका कहना है

    पुतला बनाने का कार्य हमारे यहां पीढ़ियों से चला आ रहा है। रावण का पुतला आसपास के जिलों में सबसे बड़ा हाथरस में ही बनता है। इस बार इस पुतले में नाभिचक्र सहित कई आकर्षण देखने को मिलेंगे।

    -विनोद, कारीगर

    पुतला बनाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। मैदान में अभी भी सफाई व्यवस्था पूरी नहीं की गई है। इससे मेला देखने वालों को दिक्कतें हो सकती हैं। कमेटी ने इसके लिए पालिका प्रशासन से अनुरोध कर चुकी है।

    -पवन गौतम, प्रबंधक रामलीला कमेटी