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    Aligarh Municipal Election 2022 : कभी हाथ उठाकर होता था चेयरमैन का चुनाव, रोचक है बेसवां नगर पंचायत का इतिहास

    By Yogesh KaushikEdited By: Anil Kushwaha
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 11:12 AM (IST)

    Aligarh News अलीगढ़ की बेसवां नगर पंचायत 1808 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनी थी। ऐसा माना जाता है कि उत्‍तर प्रदेश कि ये सबसे पुरानी नगर पंचायत है। यहां कभी हाथ उठाकर चेयरमैन का चुनाव होता था।

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    इगलास की नगर पंचायत बेसवां अंग्रेजों के जमाने की है।

    योगेश कौशिक, अलीगढ़ । Aligarh Municipal Election 2022 : इगलास की नगर पंचायत बेसवां अंग्रेजों के जमाने की है। अंग्रेजी हुकूमत के समय से इसे नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त है। आजादी के बाद से अब तक यहां के चुनाव का रोचक इतिहास रहा है। पहले हाथ उठाकर चेयरमैन चुना जाता था। फिर वोट से निर्णय होने लगा। वर्ष 2017 के चुनाव को छोड़कर सभी निर्दलीय प्रत्याशी ही चेयरमैन चुने गए। निकाय चुनाव निकट है। चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दावेदार गलियों मेंं घूम रहे हैं। हार-जीत की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। आरक्षण की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हुई है।  

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    1808 में बेसवां को मिला नगर पंचायत का दर्जा

    कस्बा बेसवां व किला क्षेत्र को मिलाकर नगर पंचायत बेसवां बनी। अंग्रेजी शासन काल में 28 फरवरी 1808 में बेसवां को नगर पंचायत का दर्ज मिला था। माना जाता है कि यह उत्तर प्रदेश की सबसे पुरानी नगर पंचायत है। त्रेता युग में ऋषि विश्वामित्र ने यहां जन कल्‍याण के लिए यज्ञ किया था और यह नगरी ब्रज 84 कोस की परिक्रमा में आने के कारण भी विख्यात है। बेसवां को विश्वामित्रपुरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां सबसे पहले अंग्रेज ह्यूम प्रशासक बना। इनके बाद स्वतंत्रता से पहले महादेव प्रसाद कपूर तीन बार चेयरमैन रहे। पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो सुरक्षित सीट पर 1995 में रमेश चंद्र दिवाकर चेयरमैन बने, इन्होंने मुरारीलाल सूर्यवंशी को हराया था। 2000 में सामान्य महिला सीट पर निर्मला कपूर व पुष्पा देवी के मध्य मुकाबला रहा। निर्मला कपूर ने जीत दर्ज कराई। 2006 में ओबीसी महिला में सीट आने पर रानी महेंद्र कुमारी ने जीत दर्ज की। इन्होंने मछला देवी को मात दी थी। 2012 में सामान्य सीट पर संजय अग्रवाल ने सत्यप्रकाश उपाध्याय को मात देकर जीत का ताज पहना। 2017 ओबीसी सीट पर महेंद्र कुमारी के पुत्र कुंवर राज सिंह व मनोज कुमार कुशवाह के बीच कड़ी टक्कर रही। मनोज कुमार ने जीत जीत दर्ज की।

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    कब कौन रहा चेयरमैन

    वर्ष नाम दल

    1960 मुरारी लाल राठी निर्दल

    1966 विद्या स्वरूप (बक्शी) निर्दल

    1971 कु. राधा रमण ध्वज प्रताप सिंह निर्दल

    1988 कुंवर राधा रमण ध्वज प्रताप सिंह निर्दल

    1995 रमेश चंद्र दिवाकर निर्दल

    2000 निर्मला कपूर निर्दल

    2006 महेंद्र कुमारी निर्दल

    2012 संजय अग्रवाल निर्दल

    2017 मनोज कुमार भाजपा

    (13 वर्ष सुपर सीट रही)

    बसपा व भाजपा से लड़े चुनाव

    वर्ष 2000 में पुष्पा देवी बीएसपी और 2006 में श्यामो देवी ने बीएसपी से चुनाव लड़ा। दोनों चुनावों में निेर्दली प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। 2017 में मनोज कुमार कुशवाह को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और इन्होंने जीत दर्ज की।

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    इनका कहना है

    बेसवां सबसे पुरानी नगर पंचायत है। अंग्रेजी शासनकाल में ही इसे नगर पंचायत का दर्ज मिल गया था। पहले हाथ उठाकर ही चेयरमैन का चुनाव हो जाता था।

    - गंभीर खां, बेसवां

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    मैंने जब पहला मतदान किया था उस समय विद्या स्परूप चेयरमैन बने थे। यहां हर बार मुकाबला रोचक होता है।

    - बनवारीलाल वैद्य, बेसवां