पहली बार अलीगढ़ जेल में होगी जमीन की रजिस्ट्री, विजयगढ़ के सजायाफ्ता कैदी को इस कारण मिली अनुमति
Aligarh News अलीगढ़ की जेल के अंदर पहली बार जमीन की रजिस्ट्री होगी। सजायाफ्ता कैदी को पत्नी के इलाज के लिए जमीन बेचने की अनुमति मिली है। निबंधन कार्यालय की टीम जेल में जाकर बैनामा की प्रक्रिया पूरी कराएगी। कैदी को सामान्य बैनामों से 500 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यह अनुमति पंजीकरण अधिनियम 1908 की धारा 38 के तहत मिली है।

सुरजीत पुंढ़ीर, जागरण, अलीगढ़। Aligarh News: जिले में पहली बार जेल के अंदर जमीन की रजिस्ट्री होगी। कई वर्ष से जेल में निरुद्ध विजयगढ़ क्षेत्र के सजायाफ्ता कैदी को प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी है। जल्द ही कोल तहसील के निबंधन कार्यालय की टीम जेल में जाकर बैनामा की प्रक्रिया पूरी कराएगी। भूमि खरीदार को इसके लिए स्टांप और रजिस्ट्री फीस के साथ ही पांच सौ रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
सजायाफ्ता कैदी ने बीते दिनों प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर पत्नी के इलाज को भूमि बिक्री की अनुमति मांगी थी। विजयगढ़ थाना क्षेत्र के विस्तौली निवासी गजेंद्र पाल सिंह को हत्या में उच्च न्यायालय ने 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही वह जिला कारागार में सजा काट रहा है।
पत्नी चल रही हैं बीमार
उसकी पत्नी रानी सिंह (70वर्ष) पिछले काफी समय से बीमार चल रही हैं। आर्थिक तंगी के चलते स्वजन पर इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। पिछले दिनों गजेंद्र पाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से डीएम के नाम पत्र दिया था। इसमें पत्नी के इलाज के लिए गांव में स्थित 0.449 हेक्टेयर भूमि बेचने के लिए रजिस्ट्री का अवसर देने की मांग की थी। डीएम ने पत्र के आधार पर निबंधन कार्यालय को नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए।
जिला प्रशासन ने कैदी को जेल के अंदर रजिस्ट्री की अनुमति दी
निबंधन कार्यालय की टीम ने शासन से निर्धारित नियमों की जांच की। इसके बाद संस्तुति रिपोर्ट प्रशासन को भेजी। जिला प्रशासन ने कैदी को जेल के अंदर से रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है। जल्द ही निबंधन कार्यालय की टीम जेल के अंदर जाकर बैनामा के लिए बायोमीट्रिक की प्रक्रिया पूरी कराएगी। खरीदार से इसके लिए सामान्य बैनामों से पांच सौ रुपये अतिरिक्त लिए जाएंगे।
सजायाफ्ता कैदी ने प्रशासन के समक्ष मांगपत्र देकर रजिस्ट्री की मांग की थी। प्रशासन ने जेल के अंदर से रजिस्ट्री करने की अनुमति दे दी है। जेल में पहली बार निबंधन कार्यालय की टीम बैनामा प्रक्रिया कराएगी। आजाद सिंह, सब रजिस्ट्रार, निबंधन कार्यालय कोल तहसील सजायाफ्ता कैदी की तरफ से रजिस्ट्री के लिए आवेदन दिया गया था। इस पर प्रशासन की अनुमति मिल गई है। नियमानुसार जेल बंद होने से पहले निबंधन विभाग की टीम रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करा सकती है। बृजेंद्र सिंह यादव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक
इस नियम के तहत मिली अनुमति
पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 38 के अनुसार जेल में बंद व्यक्ति को किसी भी दस्तावेज के पंजीकरण के लिए पंजीकरण कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दी गई है। इस स्थिति में निबंधन कार्यालय की टीम को जेल के अंदर जाकर बैनामा की प्रक्रिया पूरी करने होती है। गजेंद्र पाल सिंह को भी इसी नियम के तहत अनुमति दी गई है। जिले में यह पहला मौका है, जब किसी कैदी को जेल के अंदर से रजिस्ट्री करने की अनुमति दी गई हो। पूर्व में पूर्वांचल के कई जिलों में इस तरह बैनामा हो चुके हैं।
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