Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Expensive Building Material : हाथरस में सपनों के घर पर महंगाई की मार, 25 फीसद तक बढ़ा खर्च

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 08:46 AM (IST)

    Expensive Building Material हर कोई चाहता है कि उसका अपना एक घर हो। इस समय आम जन महंगाई की मार से त्रस्‍त है महंगाई ने सपनों के आशियाने पर भी अपनी काली छाया डाल दी है। बिल्‍डिंग मैटेरियल के दाम इस समय 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं।

    Hero Image
    अब घर बनाना काफी महंगा हो गया है।

    आकाश राज सिंह, हाथरस । Expensive Building Material : अपना घर हो, यह हर व्यक्ति का सपना होता है। महंगाई की मार पर इसपर तुषारापात कर कर रही है। अब घर बनाना काफी महंगा हो गया है। सरिया से लेकर जंगला-चौखट तक सभी काफी महंगे पड़ रहे हैं। एक साल में ईंटो पर 500 रुपये प्रति हजार तो सीमेंट पर 50 रुपये प्रति बोरी तक दाम बढ़ गए हैं। एक साल के अंदर building materials की कीमत में 25 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। बढ़ी महंगाई के चलते घर बनाने के लिए जमा की गई पूंजी कम पड़ रही है। सबसे अधिक दिक्कतें उन्हें हो रही है जिनके निर्माण अधूरे पड़े हुए हैं। और तो और बैंक लोन भी लगातार महंगा हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    25 फीसद बढ़ी लागत : अपने सुंदर आशियाने के लिए लोग जीवन भर प्रयासरत रहते हैं। अपनी छोटी-छोटी बचतों के माध्यम से इसकी शुरुआत जमीन खरीदने से होती है। इसके लिए पहले से ही बजट तैयार करना होता है। भवन निर्माण से जुड़े लोग बताते हैं कि सौ वर्गगज के प्लाट पर निर्माण कराने के लिए जो अनुमानित लागत चार से पांच लाख रुपये थी, वह अब छह लाख रुपये से ऊपर पहुंच गई है।

    महंगे हुए जंगले, चौखट व सरिया : सरकार भले ही दावा करे की महंगाई का स्तर एक फीसद कम हुआ है मगर स्थितियां एकदम विपरीत हैं। लोगों को अब तो घर बनाने के लिए महंगाई से जंग लड़नी पड़ रही है। एक साल में सरिया 12 एमएम 58 से 65 रुपये किलो, गार्डर 65 से 70 रुपये किलो, चौखट व जंगला 65 से 75 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुका है। आयरन की नालीदार सीट 95 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गई है।

    प्राइमर, पुट्टी सब हुए महंगे : building materials की कीमतों में इजाफा होने से निर्माण कार्य कराने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। ईंट, बदरपुर, सीमेंट सब महंगे हैं। Dyeing, Painting Products पर भी महंगाई की मार है। इसमें पेंट एक लीटर 200 से 250 रुपये, डिस्टेंपर 20 लीटर 800 से 900 रुपये तक हो गए हैं। ये कीमतें जुलाई 2021 से अगस्त 2022 के बीच बढ़ी हैं। दुकानदार बताते हैं कि कच्चा माल व भाड़े में बढ़ोत्तरी से महंगाई बढ़ी है।

    इस तरह बढ़ी कीमतें

    मैटेरियल, जुलाई 21, अगस्त 22

    बदरपुर मोटा प्रति घनफीट, 60, 65

    बदरपुर रेता प्रति घनफीट, 50, 55

    डस्ट प्रति घनफीट, 40, 40

    गिट्टी आधा इंच प्रति घनफीट, 40, 45

    बालू प्रति घनफीट, 20, 25

    पत्थर लाल प्रति वर्गफीट, 15, 18

    पत्थर सफेद प्रति वर्गफीट, 20, 27

    सीमेंट प्रति बोरी, 310, 360

    ईंट अव्वल प्रति हजार, 5300, 5800

    ईंट दोइम प्रति हजार, 5100, 5300

    (कीमत रुपये में)

    लोहे के उत्पादों की बढ़ी कीमत

    लोहे के सामान, जुलाई 21, अगस्त 22

    गार्डर, 65, 70

    एंगल, 60, 65

    सरिया 12 एमएम, 58, 65

    चौखट व जंगला, 65, 75

    नालीदार सीट, 95, 120

    (रुपये प्रति किलोग्राम)

    रंगाई-पुताई व टाइल्स की कीमत

    उत्पाद, जुलाई 21, अगस्त 22

    पेंट प्रति लीटर, 200, 250

    पुट्टी 20 किग्रा., 410, 425

    डिस्टेंपर 20 लीटर, 800, 900

    प्राइमर एक लीटर, 170, 210

    सफेद सीमेंट 50 किग्रा., 850, 950

    प्लास्टिक पेंट एक लीटर, 450, 550

    इनका कहना है

    निर्माण सामग्री के बदरपुर, सीमेंट व बालू की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। सामान की कीमतें ऊपर से बढ़ गई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भाड़ा व कच्चे माल की कीमतें बढ़ना है।

    - रुक्मेश शुक्ला, दुकानदार

    सामान पर ऊपर से ही कंपनियों द्वारा कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई है। उसके बाद भी दुकानदार ग्राहकी बनाए रखने के लिए उचित कीमतों पर ही ग्राहकों को सामान दिया जा रहा है।

    -रचित अग्रवाल, दुकानदार

    घर बनाने के लिए जो बजट निर्धारित किया था। उससे करीब 25 फीसद बजट बढ़ गया है। ईंटों से लेकर सीमेंट व अन्य निर्माण सामग्री के साथ राजमिस्त्री व कारीगरों की मजदूरी बढ़ गई है।

    -हरीश तिवारी, निर्माण करने वाले स्वामी

    भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में इजाफा हुआ है। 100 वर्ग गज के प्लाट में घर बनाने के लिए अनुमानित लागत पांच लाख रुपये आती है, जो निर्माण सामग्री महंगी होने से 20 से 25 फीसद तक बढ़ गई है।

    - पपेंद्र वार्ष्णेय, आर्कीटेक्ट इंजीनियर