Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana: आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेना है तो ऐसे करें आवेदन
Pradhan Mantri Jan Arogya Yojanaगरीब रोगियों ने शुगर बीपी थायराइड से लेकर हृदय सांस कैंसर किडनी लिवर घुटनों का इलाज कराया है। पथरी से लेकर हार्निया ट्यूमर रसौली मोतियाबिंद के आपरेशन व कूल्हा प्रत्यारोपण तक मुफ्त कराया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत गरीबों के इलाज पर सरकार अब तक 30 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है। गरीब रोगियों ने शुगर, बीपी, थायराइड से लेकर हृदय, सांस, कैंसर, किडनी, लिवर, घुटनों का इलाज कराया है। पथरी से लेकर हार्निया, ट्यूमर, रसौली, मोतियाबिंद के आपरेशन व कूल्हा प्रत्यारोपण तक मुफ्त कराया है। सबसे अधिक मरीज हीमो डायलिसिसि के आए। महिलाओं के संस्थागत प्रसव हुए। इन रोगियों के लिए निजी अस्पतालों में उपचार या आपरेशन कराना संभव नहीं था। इस तरह करीब 57 हजार गरीब रोगियों के लिए योजना वरदान सिद्ध हुई है। अब रेडियोलाजी व अन्य महंगी जांच भी हो रही हैं।
Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana में 12.91 लाख लाभार्थी चयनित
25 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना शुरू हुई तो आर्थिक व सामाजिक गणना-2011 की सूची (सेक सूची) में शामिल 01 लाख 48 हजार 436 ग्रामीण व 84 हजार 77 शहरी परिवारों को चिह्नित किया गया। इसके बाद आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 9818 गरीबों को शामिल किया। इससे दो लाख 42 हजार 331 परिवार योजना की परिधि में आ गए। फिर, 24 हजार 594 अंत्योदय राशन कार्ड धारक, करीब 30 हजार भवन सन्निर्माण के श्रमिक, तीन हजार आशा कार्यकर्ता योजना में शामिल कर लिए। इससे पात्र संख्या 12.91 लाख पहुंच गई। गोल्डन कार्ड अब तक 3.17 लाख के ही बन पाए हैं। इससे अन्य पात्र योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं।
लाभार्थियों का विवरण
बीमारी, रोगियों की संख्या
हृदय, 303
आंख, 4718
प्रसव, 768
हड्डी, 878
पेशाब, 452
हीमोडायलिसिस, 16008
डेंगू, 327
न्यूरो, 46
इन बीमारियों का उपचार व जांच
- मानसिक बीमारियां, वायरस व मच्छरजनित बीमारियां, संक्रामक बीमारियां, दुर्घटना, बर्न आदि।
ऐसे जानें पात्रता
- नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जन सेवा केंद्र पर जाएं।
- आरोग्य मित्र से संपर्क करें। हेल्पलाइन नंबर 180018004444 है।
यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो प्रत्येक पात्र परिवार को मुफ्त उपचार के लिए पांच लाख रुपये तक बीमा कवर देती है। सभी पात्र व्यक्ति नजदीकी स्वास्थ्य इकाई अथवा जन सेवा केंद्र पहुंचकर गोल्डन कार्ड बनवा लें, ताकि आवश्यकता के समय योजना का लाभ मिल सके। वर्तमान में 60 हास्पिटल (सरकारी व निजी) उपचार के लिए पैनल में शामिल हैं।
डा. नीरज त्यागी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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