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आइपीएल से अलीगढ़ लौटे रिंकू सिंह ने मैदान में चलाया ‘सिक्सर बैट’, शहर में बत्ती गुल होने से छत पर बिताई रात

Rinku Singh मैदान में खिलाड़ियों को बताए बल्लेबाजी के गुर। किसी ने ली सेल्फी तो किसी ने आटोग्राफ। केकेआर टीम के कप्तान नीतिश राणा का बल्ला साथ लाए इसी से लगाए थे छक्के। खुद के खर्चे से बनवाए गए हास्टल को भी देखा। खिलाड़ियों का उत्साह देखते बना।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 27 May 2023 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 08:02 AM (IST)
आइपीएल से अलीगढ़ लौटे रिंकू सिंह ने मैदान में चलाया ‘सिक्सर बैट’, शहर में बत्ती गुल होने से छत पर बिताई रात
Rinku Singh: आइपीएल से लौटे रिंकू ने महुआखेड़ा में चलाया ‘सिक्सर बैट’

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। क्रिकेट स्टार रिंकू सिंह ने शुक्रवार को महुआखेड़ा के मैदान में सिक्सर बैट चलाया। आइपीएल से घर लौटने पर उनका जोश देखते बना। जहां गए, प्रसंशकों ने घेर लिया। मैदान पर पहुंचे तो क्रिकेट में खो गए। अलीगढ़ क्रिकेट स्कूल के खिलाड़ियों को बैटिंग के गुर बताए और जब खेले तो गेंद हवा में तैरतीं दिखी। यह वहीं बैट था, जिससे उन्होंने आइपीएल में लगातार पांच छक्के लगाकर इतिहास रचा। यह बल्ला केकेआरटीम के कप्तान नीतिश राणा था, जिसे वह साथ लाए हैं।

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किसी ने ली सेल्फी तो किसी ने आटोग्राफ

आसपास के लोगों के लिए तो रिंकू का आना खास हो गया। किसी ने सेल्फी तो किसी ने आटोग्राफ लेकर यादों को सहेजने की कोशिश की। रिंकू ने निराश किसी को नहीं किया। इस बीच खुद के खर्चे से बनवाए गए हास्टल को भी देखा। यह हास्टल अलीगढ़ क्रिकेट स्कूल के महुआखेड़ा स्थित मैदान के पास बनवाया गया है, जिसमें जरूरतमंद परिवार के उन बच्चों को रहने की सुविधा मिलेगी, जो क्रिकेट का ककहरा सीखना चाहते हैं। इसका उद्घाटन जल्द होना है। यहां की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए आइपीएल खत्म होने का इंतजार किया जा रहा था। उससे पहले ही गुरुवार को रिंकू अपने शहर आ गए। इसकी जानकारी अधिक लोगों को नहीं होने दी गई।

कोच मसूद उज जफर अमीनी थे साथ

स्वजन के साथ क्वार्सी चौराहे के पास स्थित मकान में रहे। शुक्रवार की दोपहर वे महुआखेड़ा क्रिकेट मैदान पहुंचे तो वहां अभ्यास कर रहे खिलाड़ियों का उत्साह देखते बना। आइपीएल में सिक्सर लगाने वाला बल्ला रिंकू के हाथ में था, जिसे खिलाड़ियों ने देखना चाहा तो रिंकू मैदान में आ गए। कोच मसूद उज जफर अमीनी साथ थे। करीब दो घंटे तक मैदान पर रहे। इससे पूर्व कोच अमित राजोरिया व सचिन जादौन ने व्यायाम कराया। मैदान से हास्टल की ओर बढ़ते ही तभी आसपास के प्रसंशकों ने घेर लिया। इसके बाद वे हास्टल में गए और व्यवस्थाएं देखी। उन्होंनेे जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को क्रिकेट के गुर सिखाने की अपनी इच्छा बताई और पूरी मदद करने का भरोसा दिया।

आइपीएल से संबंधी सवालों पर नहीं किया जवाब

देश को अलीगढ़ से क्रिकेट खिलाड़ी देने के प्रयास बताया। भारतीय टीम और आइपीएल से संबंधी सवालों पर वे मुस्कुराहट के साथ नो कमेंट कर रवाना हो गए।

उद्घाटन...अरे मैं इस लायक नहीं

क्रिकेट मैदान पर मिले बड़े और मददगार लोगों के रिंकू ने पांव छुए। छोटों को गले लगाया। अर्जुन सिंह फकीरा ने हास्टल का उद्घाटन करने का प्रस्ताव रखा तो रिंकू हंस दिए। बोले, अरे मैं इस लायक नहीं। हास्टल की देखरेख जादौन क्रिकेट क्लब के चेयरमैन अर्जुन सिंह फकीरा ही कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उद्घाटन की तारीख जल्द तय कर दी जाएगी।

स्वजन को सौंपी ट्राफी

गुरुवार की शाम रिंकू सीधे घर पहुंचे। स्वजन को आइपीएल में मिली मैन आफ द मैच ट्राफी दिखाई। मां और पिता से आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे सेंटर प्वाइंट बाजार गए और बाल कटवाए। फिर जिम में थोड़ा समय बिता घर लौट आए। बिजली जाने पर रात घर की छत पर सोए।

14 कमरे हैं हास्टल में

रिंकू सिंह अपने जैसे और खिलाड़ी पैदा करना चाहते हैं। उनके रहने के लिए महुआखेड़ा क्रिकेट मैदान के पास हास्टल का निर्माण कराया है। इस पर करीब 35 लाख रुपये खर्च किए हैं। जमीन एकेडमी की है। अलीगढ़ में रहने के दौरान रिंकू मैदान में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देंगे। अलीगढ़ में न होने पर आनलाइन भी टिप्स दिया करेंगे। दो मंजिला इस हास्टल में 14 कमरे होंगे। एक कमरे में चार खिलाड़ियों को रखा जाएगा। हास्टल में ही कैंटीन होगी। रियायती दरों पर खाना मिलेगा। कैंटीन का खर्च अधिक होने पर इसका भुगतान रिंकू ही करेंगे।

इसलिए हास्टल का निर्णय

हास्टल व प्रशिक्षण के प्रयास से रिंकू सिंह बड़े खिलाड़ी का सपना देखने वाले बच्चों की उन दिक्कतों को दूर करना चाहते हैं, जो उन्होंने खुद झेली थीं। आइपीएल तक का उनका सफर कांटों भरा रहा है। पिता खानचंद गोविला गैस एजेंसी में हाकर हैं। आर्थिक तंगी उनके लिए सबसे बड़ी बाधा थी।

2010 में सबसे पहले जब वह अलीगढ़ के रानी अहिल्याबाई होल्कर स्पोट्र्स स्टेडियम में एक स्कूल टूर्नामेंट में खेलने पहुंचे तो उनका पहनावा देखकर लोग हंसे थे। पैरों में चप्पल थीं। किट में भी नहीं थे। उस हंसी का जवाब उन्होंने अपने बल्ले से दिया था और पहले ही मैच में 32 गेंद पर 50 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी। इसके बाद 2012 में पावना ग्रुप की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल टूर्नामेंट में भाग लिया और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। 


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