Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    civic elections 2022 : छर्रा नगर पंचायत में बौहरे परमसुख चार बार रहे चेयरमैन, तीन परिवारों का रहा दबदबा

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Nov 2022 03:14 PM (IST)

    Aligarh civic elections 2022 निकाय चुनाव नजदीक है। इसके चलते नेताओं की चहलकदमी क्षेत्र में बढ़ गयी है। अंग्रेजों के जमाने की छर्रा नगर पंचायत का चुनाव बहुत ही रोचक रहा है। इसके चेयरमैन की जिम्‍मेदारी सबसे अधिक समय तक निर्दलियों पर रही है।

    Hero Image
    अंग्रेजों के जमाने की छर्रा नगर पंचायत का चुनाव रोचक रहा है।

    प्रवीण तिवारी, अलीगढ़। अंग्रेजों के जमाने की छर्रा नगर पंचायत का चुनाव रोचक रहा है। इसके चेयरमैन की जिम्मेदारी सबसे अधिक समय तक निर्दलियों पर रही है। बौहरे परमसुख का तो चार बार जीत का रिकार्ड है। अब तक चुनाव में तीन परिवारों का दबदबा रहा है। इनमें हरिश्चंद्र गुप्ता तीन बार चेयरमैन बने। नौशाद अहमद खां एक बार और उनकी पत्नी रहीशो जुमानी दो बार चेयरमैन बनीं। वर्तमान में रहीशो जुमानी चेयरमैन हैं। चुनाव निकट हैं। आरक्षण की स्थिति स्पष्ट भले नहीं है, लेकिन दावेदारों ने वार्डों में घूमना शुरू कर दिया है। गली-मोहल्लों में चुनावी चर्चाएं होनी लगी हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    15 साल तक रही सुपर सीट

    आजादी के बाद 1958 के चुनाव में बौहरे परमसुख चेयरमैन बने। वे लगातार तीन बार चेयरमैन बने। तीनों बार निर्दलीय जीते। 1971 के चुनाव में वेदारी लाल चेयरमैन बने, लेकिन कुछ माह इनकी मौत हो गई। इसके चलते 1972 में फिर चुनाव हुए, जिसमें बोहरे परमसुख चौथी बार चेयरमैन बने। वे निर्दलीय जीते, लेकिन करीब एक साल बाद चेयरमैन रहते हुए ही मृत्यु हो गई। इसके बाद सभासदों को छह-छह महीने का कार्यभार देकर चेयरमैन का कार्यकाल पूर्ण किया गया। इसके बाद करीब 15 साल तक सुपर सीट रही।

    दूसरी बार सुपरसीट

    1988 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नौशाद अहमद खां ने वेदप्रकाश गुप्ता को हराया था। 1995 के चुनाव में भाजपा के हरिश्चंद्र गुप्ता ने निर्दलीय राकेश माहेश्वरी को हराया। इसके बाद कुछ माह सुपर सीट रही। 2000 में फिर भाजपा के हरिश्चंद्र गुप्ता ने बसपा से नौशाद अहमद खां को हराकर चेयरमैन पद हासिल किया। 2006 में भाजपा के हरिश्चंद्र गुप्ता ने कांग्रेस के नौशाद अहमद खां को हराया। 2012 में कांग्रेस से रहीशो जुमानी ने निर्दलीय प्रत्याशी हरिश्चंद्र गुप्ता को हराया।

    इसे भी पढ़ें *Aligarh Municipal Election 2022 : कभी हाथ उठाकर होता था चेयरमैन का चुनाव, रोचक है बेसवां नगर पंचायत का इतिहास*

    पहली बार आरक्षित हुई सीट

    पहली बार 2017 में चेयरमैन सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई। इस चुनाव में नौशाद अहमद खां की पत्नी सपा प्रत्याशी रहीशो जुमानी ने सीधे मुकाबले में भाजपा से हरिश्चंद्र गुप्ता की पत्नी कमलेश गुप्ता को हराया था।

    इस तरह बढ़ी वार्डों की संख्या

    • 1988 के चुनाव में 10 वार्ड थे
    • 1995 में 12 वार्ड हो गए
    • 2006 में 15 वार्ड हो गए
    • 15 वार्ड हैं वर्तमान में

    मतदाताओं पर नजर

    • 19071 कुल मतदाता
    • 9912 पुरुष मतदाता
    • 9158 महिला मतदाता

    इनकी सुनो 

    कई साल से जलभराव की समस्या है। अतरौली रोड की एक गली तो थोड़ी बारिश में जलमग्न हो जाती है। बिना भेदभाव के समस्याओं का समाधान करने वाला चेयरमैन होना चाहिए।

    - भारत गुप्ता

    ---

    कस्बा में अतरौली व कासगंज की ओर से घुसने पर गंदगी नजर आती है। क्षेत्र की समस्याओं का निदान कराने के साथ विकास कार्यों पर ध्यान देने वाला ही चेयरमैन चुना जाना चाहिए।

    - विनोद भारद्वाज