Updated: Thu, 25 Sep 2025 11:58 AM (IST)
अलीगढ़ में प्रेम विवाह के तीन साल बाद चरित्र पर संदेह के चलते पत्नी को पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। महिला ने खूंटे से वार कर पति का सिर फोड़ दिया था। अदालत ने उसे दोषी पाया और सजा सुनाई। एक अन्य मामले में छेड़छाड़ के दोषी को भी सजा सुनाई गई और अपहरण मामले में जमानत रद्द कर दी गई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ । प्रेम विवाह के तीन वर्ष बाद चरित्र पर संदेह को लेकर दंपती विवाद में पति की हत्या में दोषी पत्नी को जिला जज अनुपम कुमार की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी ने खूंटे से प्रहार कर पति की हत्या की थी।
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गंगीरी क्षेत्र में यह घटना दो नवंबर 2022 की देर रात हुई थी। क्षेत्र के गांव रतरोई के निहाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि उनके छोटे बेटे विजेंद्र उर्फ गुड्डा ने शहर के बन्नादेवी रसूलपुर की वर्षा से तीन वर्ष पहले प्रेम विवाह किया था। गांव में उनके दो मकान हैं। एक मकान में विजेंद्र व वर्षा अलग रहते थे। घटना वाली रात विजेंद्र के घर से चीख पुकार की आवाज सुनी।
जब वह पत्नी व बड़े बेटे संग पहुंचे तो वर्षा ने खूंटे से वार कर विजेंद्र का सिर फोड़ दिया था। वह खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। विजेंद्र को जेएन मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने वर्षा को खून से सने खूंटे सहित दबोच लिया।
दोषी करार देते हुए अदालत ने दी आजीवन कारावास की सजा
मुकदमे के आधार पर उसे जेल भेजा दिया। जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट दायर की गई। साक्ष्यों व गवाही के आधार पर वर्षा को दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पशुओं को चारा न डालने पर हुआ था विवाद डीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार विवेचक में यह बात सामने आई कि शादी के बाद महिला के बच्चे नहीं हुए थे।
पति उसके चरित्र पर संदेह करता था। घटना वाली रात नशे में आया। पशुओं को चारा न डालने पर नाराजगी जताई। महिला ने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। इसी को लेकर विवाद हो गया। महिला ने गुस्से में घटना को अंजाम दिया।
मिशन शक्ति अभियान में छेड़छाड़ के दोषी को सजा
मिशन शक्ति अभियान-5 में बुधवार को दो बहनों से छेड़छाड़ के दोषी दबंग को एडीजे विशेष पाक्सो अभिषेक कुमार बागड़िया की अदालत ने सजा सुनाई। स्कूल आते जाते डराने-धमकाने और छेड़छाड़ करने के चलते दोनों बहनों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था।
13 अगस्त 2019 को एसएसपी से इस मामले की शिकायत हुई थी। जिसके बाद अकराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। पीड़ित की ओर से कहा गया कि उसकी दो नाबालिग बेटियों को स्कूल आते जाते गांव का दबंग डराता धमकाता है।
गलत काम करने की धमकी देता है। तमंचा दिखाकर डराता है। 24 जुलाई को तो उसने खेत से चारा निकालते समय छेड़छाड़ की। स्थानीय पुलिस स्तर से मदद न मिलने पर एसएसपी से शिकायत की। इसके बाद गांव के आरोपित आकाश के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया।
पुलिस ने चार्जशीट दायर की। अभियोजन अधिकारी महेश सिंह के अनुसार साक्ष्यों व गवाही के आधार पर दोषी को तीन वर्ष की सजा व 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से दस-दस हजार रुपये पीड़ितों को देने के निर्देश दिए हैं।
संविदा विद्युतकर्मी के अपहरण में जमानत रद
विद्युत विभाग में संविदा पर कार्यरत इगलास के माकरोल निवासी रामबाबू के गोरई क्षेत्र से अपहरण के मामले में आरोपित की जमानत अर्जी रद हो गई। 31 अगस्त की घटना के संबंध में एक सितंबर को पुलिस को शिकायत दी गई। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से इटावा के नगला गिरंध लवेदी के शैलेंद्र सिंह सहित कई आरोपियों को दबोचा।
साथ में रामबाबू को बंधनमुक्त कराया। एडीजे विशेष पाक्सो तृतीय विनय तिवारी की अदालत से शैलेंद्र की जमानत अर्जी रद कर दी। बांग्लादेशियों की जमानत अर्जी रद जासं, अलीगढ़ : कस्बा जट्टारी से मार्च में पकड़े गए चार बांग्लादेशी नागरिकों की जमानत अर्जी एडीजे ईसी अधिनियम राकेश वाशिष्ठ की अदालत से रद हो गई है।
ये चारों यहां झुग्गी बनाकर 17 वर्ष से रह रहे थे। चारों में माता-पिता व उनके दो बेटे शामिल हैं। टप्पल पुलिस ने 10 मार्च को अपराधी सत्यापन के क्रम में नई बस्ती में बनी झुग्गी में रह रहे मकसूद खां निवासी बांगडंगा बगरपाड़ा जिला सिसोर बांग्लादेश, उसकी पत्नी साहिना व दो बेटे मो.तौफीक व मोहम्मद साबिर को पकड़ा था।
पुलिस जांच में पता चला कि मकसूद ने वर्ष 2008 में बैना पुल बार्डर के रास्ते भारत आया था। यहां उसने फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिए थे।
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