IPS नीरज जादौन ने शुरू की अलीगढ़ के थानों में नई व्यवस्था... 7 दिन में समाधान, अब नहीं भटकेंगे शिकायतकर्ता
एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने थानों में रिसीविंग सिस्टम लागू किया है। शिकायतकर्ताओं को नीले रंग की रसीद मिलेगी जिस पर 7 दिन में समाधान की समय सीमा होगी। समाधान न होने पर वे एसएसपी कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं। यह व्यवस्था पारदर्शिता लाएगी और लंबित मामलों में तेजी लाएगी जिससे एसएसपी कार्यालय में आने वाली भीड़ कम होगी। लोग जनशिकायत प्रकोष्ठ में भी संपर्क कर सकते है।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। जनपद में अब शिकायतकर्ताओं को भटकने की जरूरत नहीं होगी। एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की है।
शनिवार से जनपद के सभी थानों में रिसीविंग सिस्टम लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब कोई भी व्यक्ति थाना परिसर में शिकायती प्रार्थना पत्र देगा तो उसे आसमानी रंग की रिसीविंग पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर्ची पर शिकायत के निस्तारण की अधिकतम अवधि सात दिन तय की गई है।
एसएसपी ने नीरज कुमार जादौन ने लागू की व्यवस्था
एसएसपी ने बताया कि यह व्यवस्था शिकायतकर्ताओं के भरोसे को मजबूत करेगी और लंबित मामलों में तेजी आएगी। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो फरियादी किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच सीधे उनके कार्यालय में पहुंचकर अपनी शिकायत रख सकता है।
22 सितम्बर को पदभार किया था ग्रहण
विदित हो कि 22 सितंबर को पदभार ग्रहण करने के साथ ही एसएसपी ने पुलिस कार्यालय में यह व्यवस्था लागू कर दी थी। इस व्यवस्था को अब जिले के सभी थानों में विस्तार दिया गया है। एसएसपी ने थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हर शिकायत का त्वरित और निष्पक्ष निस्तारण सुनिश्चित करें। इसके साथ ही आमजन से भी अपील की गई है कि वे सबसे पहले संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराएं। यदि वहां सुनवाई न हो या रिसीविंग पर्ची न दी जाए तो तत्काल जनशिकायत प्रकोष्ठ के मोबाइल नंबर 7839873635 और 7839876335 पर संपर्क करें।
थानों की अनदेखी से एसएसपी कार्यालय में उमड़ती है भीड़
जनसुनवाई के दौरान एसएसपी कार्यालय पर रोजाना बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता पहुंचते हैं। महिलाएं, बुजुर्ग और दूर-दराज से आने वाले पीड़ित ग्रामीण इंतजार करते नजर आते हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना होता है कि उनकी समस्याएं थाने पर नहीं सुनी गई। कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती, जिससे उन्हें मजबूर होकर सीधे एसएसपी कार्यालय का रुख करना पड़ा।
वहीं, कुछ लोग तो बिना थाना गए ही सीधे कप्तान के पास पहुंच जाते हैं। यह मानकर कि उनकी सुनवाई यहीं होगी। अब थानों में रिसीविंग सिस्टम लागू होने से इस समस्या का समाधान हो सकेगा। यदि शिकायतें थाना स्तर पर ही सुलझेंगी तो पीड़ितों को एसएसपी कार्यालय का चक्कर ना लगाना पड़ेगा।
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