ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर धान, मक्का और बाजरा बेच सकेंगे किसान... यूपी के इस जिले में एमएसपी तय व बनाए केंद्र
अलीगढ़ के किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार 1 अक्टूबर से धान मक्का और बाजरा की खरीद शुरू करेगी। इसके लिए 32 केंद्र बनाए गए हैं। किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। धान का समर्थन मूल्य 2360 रुपये प्रति कुंतल मक्का 2400 रुपये और बाजरा 2775 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है। भुगतान सीधे खाते में होगा।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। सरकार की महत्वाकांक्षी धान, मक्का व बाजरा खरीद योजना वर्ष 2025-26 का शुभारंभ एक अक्टूबर से होने जा रहा है। प्रशासन ने इसको लेकर तैयारी कर ली है।
शासन स्तर से समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया गया है। जिले में कुल 32 केंद्रों का गठन किया गया है। सभी किसानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
धान के 14, मक्का के छह व बाजरा के 12 केंद्रों का हुआ है गठन
जिला खाद्य विपणन अधिकारी राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ ने बताया कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए शासन ने इनकी खरीद हेतु समर्थन मूल्य तय कर दिया है। केंद्रों का भी गठन हो गया है। इसमें धान के लिए कुल 14 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें कॉमन धान का समर्थन मूल्य 2360 रुपये प्रति कुंतल व ग्रेड-ए धान का मूल्य 2380 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है। धान विक्रय के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
यह है जिले की स्थिति
अनाज, केंद्र, समर्थन मूल्य प्रति कुंतल
- धान, 14, 2369
- मक्का, 06, 2400
- बाजारा, 14, 2775
मक्का के लिए कुल छह केंद्र बनाए गए हैं
इसी प्रकार मक्का के लिए कुल छह केंद्र बनाए गए हैं। समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। बाजरा का समर्थन मूल्य 2775 रुपये प्रति कुंतल तय हुआ है। इसके लिए 12 केंद्र बनाए गए हैं। मक्का-बाजरा विक्रय के लिए भी धान की तरह पंजीकरण की प्रक्रिया अपनानी होगी।
- राजीव कुमार ने बताया कि किसान स्वयं साइबर कैफे से या विभागीय सुविधा केंद्र पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
- पंजीकरण के समय आधार कार्ड, खतौनी, मोबाइल नंबर व बैंक खाता अनिवार्य रूप से दर्ज कराना होगा।
- इस बार ओटीपी आधारित आधार सत्यापन की व्यवस्था की गई है।
- पंजीकरण के दौरान मोबाइल नंबर सक्रिय होना जरूरी है।
- पिछले वर्ष पंजीकृत किसानों को दोबारा नया पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें केवल पुराने पंजीकरण को संशोधित कर पुन लाग करना होगा।
राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ ने बताया कि किसानों को उपज का मूल्य सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा। इसके लिए ई-केवाईसी जरूरी है। भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी व त्वरित रखने के लिए शासन ने सभी खरीद केंद्रों पर सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं पूरी हो गई हैं।
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