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    यूपी में युवक की हत्या मामले में एक ही परिवार के 8 लोगों को उम्रकैद, दो साल बाद आया कोर्ट का फैसला

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 04:34 PM (IST)

    अलीगढ़ के विजयगढ़ में दो साल पहले होली के दिन एक युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में अदालत ने आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इनमें सगे भाई और पिता-पुत्र भी शामिल हैं। मृतक के पिता ने रंजिश में हत्या का आरोप लगाया था जिसमें कहा गया था कि उनके बेटे को लाठी-डंडों से पीटा गया और छत से फेंक दिया गया।

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    युवक की हत्या में एक ही परिवार के आठ लोगों को आजीवन कारावास।

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। दो वर्ष पहले विजयगढ़ क्षेत्र गांव नगलापृथ्वी में होली के दिन रंजिश में युवक की पीट-पीटकर छत से फेंककर हत्या के मामले में एडीजे-6 नवल किशोर सिंह की अदालत ने एक ही परिवार के ठ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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    इनमें चार सगे भाई, पिता-पुत्र भी शामिल हैं। सभी पर 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि पीडि़त को देने के आदेश दिए हैं।यह घटना आठ मार्च 2023 की है। गांव के ध्यानपाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें कहा था कि दो लोगों में होली पर मारपीट हुई थी।

    जिसकी शिकायत दोनों पक्षा थाने करके आए थे। जब उनका बेटा मुकेश आरोपितों के घर के सामने से निकल रहा था। तभी रंजिश में मुकेश को लाठी डंडों से पीटा। खींचते हुए छत पर ले गए। वहां नीचे फेंक दिया। जिससे उसके सिर, बाजू आदि में गंभीर चोट आ गई।

    अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने गांव के ही सगे भाई कोमल सिंह, ठाकुरदास, राजाराम व अमर सिंह और राजाराम के दो बेटे बाबी उर्फ रोहन व संतोष, अमर सिंह के बेटे हरपाल उर्फ ब्रह्मदेव व कोमल सिंह के बेटे अजय कुमार के अलावा रिश्तेदार हाथरस हसायन के गांव नगला शेखा के वीरेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

    साक्ष्यों व गवाही के आधार पर वीरेंद्र की पत्रावली अलग कर दी गई। अन्य आठ को साक्ष्यों के आधार पर दोषी करा दिया गया। आरोपित पक्ष की ओर से छेडख़ानी का मुकदमा मृत मुकेश के परिजनों व गवाहों पर दर्ज कराया था। पूर्व में इस मुकदमे में उनके स्तर से गवाही कराई जा रही थी।

    तब आरोपित पक्ष ने तर्क दिया कि मुकेश उनके घर में छेडख़ानी करते हुए घुसा था। तभी भागते समय गिरने से घायल हुआ व उसकी जान गई। हत्या में इस मुकदमे को क्रास में शामिल कराने का प्रयास किया। मगर अदालत में यह मुकदमा साबित नहीं हुआ। छेडख़ानी के मुकदमे में सभी तीन जून को बरी हो गए।