Aligarh News: सड़कों पर कूड़ा फेंकने वाले 51 हजार घर चिह्नित, नगर निगम लगाएगा भारी-भरकम जुर्माना
अलीगढ़ में सड़कों पर कूड़ा फेंकने वाले 51 हजार घरों को नगर निगम ने चिह्नित किया है। इन घरों पर अब भारी जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम शहर को स्वच्छ रख ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में अलीगढ़ की स्वच्छता रैंकिंग को सुधारने और शहर की सफाई व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है।
घर-घर कूड़ा उठान में लापरवाही बरतने के कारण अर्बन एनवायरोटेक और एमआरएफ सेंटर चलाने वाली ग्रीन फ्यूचर कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इसके अलावा, शहर में कूड़ा बाहर फेंकने वाले 51 हजार घरों को चिह्नित किया है, जिन पर चार करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जाएगा।
ये वो मकान हैं जिन पर घर-घर कूड़ा उठान की सुविधा है लेकिन कूड़ा सड़क, नाली या प्लाटों में डालते हैं। इनके चालान किए जा रहे हैं। चार हजार नोटिस का वितरण हो गया है। शेष 47 हजार नोटिस 10 जनवरी 2026 तक दिए जाने हैं। इसके बाद 10 फरवरी 2026 तक जुर्माना की कार्रवाई के निर्देश रविवार को नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने अधिकारियों को दिए।
कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर के सभागार में स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित कार्यों की हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने सफाई व्यवस्था से जुड़ी कंपनियों के कार्यों को लेकर नाराजगी जताई।
साथ ही अर्बन कंपनी के खिलाफ 40 लाख रुपये और सूखे कचरे का पृथक्करण एवं पुनर्चक्रण करने में लापरवाही बरतने पर ग्रीन फ्यूचर कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।
बैठक में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व अपर नगर आयुक्त द्वितीय शुभांशु कटियार, अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार यादव, सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह, मुख्य अभियंता बीके सिंह, महाप्रबंधक (जल) पीके सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी रामानन्द त्यागी, अर्बन एनवायरोटेक सर्विसेज लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड मोहम्मद एहसान सैफी तथा ग्रीन फ्यूचर कंपनी से साक्षी सिंह उपस्थित रहीं।
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अर्बन कंपनी ने नहीं दिया सर्वेक्षण का डाटा
समीक्षा के दौरान पता लगा कि अर्बन कंपनी ने किसी भी वार्ड का मूलभूत गृह-सर्वेक्षण का डाटा निगम को पूरा उपलब्ध नहीं कराया है। डाटा के अभाव में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की प्रभावी कार्ययोजना एवं गीले–सूखे कचरे के पृथक्करण की निगरानी बाधित हो रही है, जो आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी में एक बड़ी कमी होगी।
अर्बन कंपनी द्वारा अपने सॉफ्टवेयर एपीआई का आईसीसीसी से इंटीग्रेशन एवं वाहन मॉनीटरिंग पोर्टल को पूर्ण रूप से क्रियाशील नहीं किया गया। साथ ही कूड़ा उठान के एवज में वसूली गए यूजर चार्ज की जानकारी भी सही नहीं दी गई है।
इन गंभीर लापरवाही के चलते इस कंपनी पर 30 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है। नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि अगले 24 घंटे के भीतर समस्त डाटा नगर निगम को सौंपा जाए तथा 30 दिसंबर 2025 तक सभी वार्डों का डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर एपीआई इंटीग्रेशन और वाहन मॉनिटरिंग प्रणाली को पूर्ण रूप से दुरुस्त किया जाए।
इस तरह लगाया जुर्माना
- वाहन मॉनीटरिंग पोर्टल को पूर्ण रूप से क्रियाशील नहीं करने पर अर्बन कंपनी पर 30 लाख रुपये जुर्माना।
- सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों की सफाई एवं रखरखाव में लापरवाही पर अर्बन कंपनी पर पांच लाख रुपये जुर्माना।
- शहर के प्रमुख मार्गों पर कचरा डलाबाघर खत्म करने के लिए अर्बन कंपनी द्वारा धीमी गति से काम करने पर पांच लाख रुपये जुर्माना।
- सूखे कचरे के पृथक्करण एवं पुनर्चक्रण के कार्य में देरी पर ग्रीन फ्यूचर कंपनी पर 10 लाख रुपये जुर्माना।
शहर को स्वच्छ, स्वस्थ एवं स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक दिलाने के लिए नगर निगम प्रतिबद्ध है। शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए सफाई के प्रति लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाना बेहद जरूरी है। इस दिशा में जिम्मेदार एजेंसियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। जो लापरवाही बरतेगा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रेम प्रकाश मीणा, नगर आयुक्त

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