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    रंगाई-पुताई पर सरकार ने रंग दिखाया

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    Updated: Mon, 27 Oct 2014 01:42 AM (IST)

    मयंक त्यागी, अलीगढ़ दीपावली पर रंगाई-पुताई का मौका भी था और दस्तूर भी। लेकिन, सरकार ने ऐन मौके पर

    मयंक त्यागी, अलीगढ़

    दीपावली पर रंगाई-पुताई का मौका भी था और दस्तूर भी। लेकिन, सरकार ने ऐन मौके पर रंग दिखा दिया। स्कूलों की रंगाई-पुताई और मरम्मत का बजट सरकारी फाइलों में ही फंसा रह गया। ऐसा भी नहीं कि बजट देने के लिए वक्त कम था। आधा शैक्षिक सत्र इंतजार में ही बीत चुका है। ऐसा तब, जबकि सवा दो करोड़ के इस खर्च को सर्व शिक्षा अभियान परियोजना के तहत पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी।

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    ये है व्यवस्था

    सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर साल बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को रंगाई-पुताई के लिए बजट मंजूर होता है। मानक यह है कि तीन कमरों का स्कूल है तो 5000 रुपये दिए जाएंगे। इससे बड़ा स्कूल होने पर प्रति कक्षा 1500 रुपये अतिरिक्त मिलते हैं। सरकार ने हर विद्यालय के लिए खर्च की अधिकतम राशि भी तय कर रखी है। यह 10,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती।

    खजाना खाली

    जिले में 1776 प्राइमरी और 724 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। इनकी रंगाई-पुताई में हर साल करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च होते हैं। स्कूल भवन की मरम्मत व रोजमर्रा की जरूरतों पर भी करीब 75 लाख रुपये खर्च होते हैं। यह पैसा अगस्त तक स्कूलों को मिल जाता है। इससे दीपावली आने से पहले ही काम पूरे हो जाते हैं। बीते वर्ष भी अगस्त में बजट मिल गया था। इस साल सर्व शिक्षा अभियान परियोजना कार्यालय ने जिलों बजट नहीं भेजा है। लिहाजा, सूबेभर के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों की न मरम्मत हो सकी, न ही रंगाई-पुताई। त्योहार पर भी स्कूल बेरौनक ही रह गए।

    इनसर्ट ही

    नहीं हो सकी मरम्मत

    सर्व शिक्षा अभियान से ही प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल की टूट-फूट दुरुस्त कराने के लिए मेंटिनेंस ग्रांट भेजी जाती है। इसमें प्राइमरी स्कूल को 5000 रुपये और जूनियर हाईस्कूल को 7000 रुपये दिए जाते हैं। इससे ही स्कूल के दैनिक उपभोग से जुड़े नेलकटर, पट्टी, मेज, अग्निशमन यंत्रों की रीफलिंग आदि कराई जाती है। 2014-15 का आधा शैक्षिक सत्र बीत चुका है, अभी इसका बजट भी नहीं मिला। इस कारण बच्चों की छोटी-छोटी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।

    इनका कहना है

    सर्व शिक्षा अभियान परियोजना से अभी रंगाई-पुताई व स्कूल मेंटीनेंस का पैसा नहीं मिल सका है। यह मिलते ही स्कूलों के खाते में भेज देंगे।

    - बीबी पांडेय, एएओ, सर्व शिक्षा अभियान।

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