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    Year Ender 2025: संघर्ष से शिखर तक... आगरा की बेटी दीप्ति शर्मा ने खुद को किया सिद्ध

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 10:00 AM (IST)

    वर्ष 2025 आगरा के लिए गौरवपूर्ण रहा, जब दीप्ति शर्मा ने महिला क्रिकेट विश्व कप में 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बनकर भारत और आगरा का नाम रोशन किया। उन्हों ...और पढ़ें

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    विश्वकप जीतने के बाद दीप्ति शर्मा।

    जागरण संवाददाता, आगरा। वर्ष 2025 आगरा के लिए गौरवपूर्ण रहा, जब शहर की बेटी दीप्ति शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और आगरा का नाम रोशन किया। साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर विश्व क्रिकेट के शीर्ष स्तर तक पहुंचना दीप्ति के लिए आसान नहीं था, लेकिन मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास ने उन्हें यह मुकाम दिलाया।
    अवधपुरी क्षेत्र निवसी दीप्ति ने बचपन में क्रिकेट को सिर्फ एक खेल नहीं, अपना लक्ष्य बना लिया था। सीमित संसाधनों, सामाजिक चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन के दम पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अपनी मजबूत पहचान बनाई। अपने भाई सुमित शर्मा की कोचिंग में उन्होंने पहले स्थानीय, फिर बोर्ड और फिर देश के खेलना आरंभ किया, जो क्रम अब भी जारी है।

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    कई निर्णायक मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन किया


    वर्ष 2025 में दीप्ति शर्मा ने आलराउंडर के रूप में कई निर्णायक मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन किया। महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में दीप्ति ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई और इसी प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर आफ द टूर्नामेंट चुना गया।

    दीप्ति ने बल्ले और गेंद, दोनों से शानदार आलराउंड प्रदर्शन किया, जिसमें फाइनल में पांच विकेट और अर्धशतक शामिल थे, जिससे वह एक ही विश्व कप में 200 से अधिक रन और 20 से अधिक विकेट लेने वाली पहली क्रिकेटर बनीं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद, वह आइसीसी महिला टी-20 इंटरनेशनल गेंदबाजी रैंकिंग में नंबर वन भी बन गईं। उन्होंने टी-20 में अपने 150 विकेट भी पूरे कर लिए।

    गेंद और बल्ले से शानदार योगदान


    गेंद और बल्ले दोनों से योगदान देकर उन्होंने यह साबित किया कि वह टीम इंडिया की रीढ़ हैं। उनकी सूझबूझ भरी गेंदबाजी और दबाव में संयमित बल्लेबाजी ने भारत को कई अहम जीत दिलाईं।
    दीप्ति की यह यात्रा सिर्फ खेल की सफलता नहीं, बल्कि आगरा की बेटियों के लिए प्रेरणा है। उनका सफर यह सिखाता है कि अगर सपनों को जुनून और परिश्रम का साथ मिल जाए, तो सीमाएं खुद-ब-खुद टूट जाती हैं। वर्ष 2025 में दीप्ति शर्मा की उपलब्धि आगरा के लिए गर्व और आने वाली पीढ़ियों के लिए उम्मीद बनकर उभरी।

    मेहनत, धैर्य और जज्बे की जीत ने ध्रुव जुरैल को बनाया अंतरराष्ट्रीय खिला़ड़ी

    वर्ष 2025 में क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय फलक पर आगरा का नाम एक बार फिर चमका, जब शहर के बेटे ध्रुव जुरैल ने भारतीय क्रिकेट में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई। यह सफलता किसी एक मैच की नहीं, बल्कि वर्षों की कड़ी मेहनत और अनुशासन का परिणाम है। आगरा की गलियों से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दरवाजे तक पहुंचना ध्रुव के लिए आसान नहीं रहा। प्रारंभिक प्रशिक्षण से लेकर घरेलू क्रिकेट और आइपीएल तक, हर स्तर पर उन्होंने खुद को साबित किया। विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में उनकी तकनीक, फुर्ती और मैच को समझने की क्षमता ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा।

    ध्रुव जुरैल ने दबाव वाले मौकों पर शांत रहकर खेलना दिखाया


    वर्ष 2025 में ध्रुव जुरैल ने दबाव वाले मौकों पर शांत रहकर खेलना दिखाया। कठिन परिस्थितियों में उनकी जिम्मेदार पारियां और विकेट के पीछे चुस्ती ने टीम को संतुलन प्रदान किया। उन्होंने यह साबित किया कि वह भविष्य के भारतीय क्रिकेट का भरोसेमंद नाम हैं।


    ध्रुव की सफलता आगरा के युवाओं के लिए संदेश है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। उनका सफर बताता है कि प्रतिभा जब मेहनत और धैर्य से जुड़ती है, तो राष्ट्रीय पहचान बन जाती है। वर्ष 2025 में ध्रुव जुरैल की उपलब्धि आगरा के खेल इतिहास में एक यादगार अध्याय बन गई।