Year Ender 2025: अवैध मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश, नेपाल से पूर्वाेत्तर तक जुड़े थे तार
आगरा में अवैध मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ, जिसके तार नेपाल से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक फैले थे। पुलिस ने सदर क्षेत्र की दो बेटियों को कोलकाता से ब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण के चर्चित मामले का इस वर्ष जुलाई में पुलिस ने पर्दाफाश किया था। मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा था। अवैध मतांतरण गिरोह के तार कोलकाता से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों और नेपाल तक जुड़े थे। गिरोह को विदेशों से फंडिंग के साक्ष्य मिले थे। पुलिस ने सदर क्षेत्र की रहने वाली दो बेटियों को कोलकाता के मुस्लिम बाहुल्य इलाके तपसिया से बरामद किया था।
गिरोह के सरगना दिल्ली के रहने वाले अब्दुल रहमान समेत 14 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।गिरोह की प्रमुख सदस्य आयशा के बैंक खातों में विदेशी फंडिंग के साक्ष्य मिले थे। गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान अवैध मतांतरण मामले में एनआइए कोर्ट से सजा पाए मौलाना कलीम सिद्दीकि का शार्गिद था। पुलिस ने विवेचना में आरोपितों के विरुद्ध दर्ज राष्ट्रद्रोह के समानांतर बीएनएस की धारा 152 बढाकर चार्जशीट दाखिल की।
सदर क्षेत्र की मतांतरण करने वाली बेटियों काे कोलकाता से किया था गिरफ्तार
सदर थाना क्षेत्र से 24 मार्च 2025 को गायब दो बेटियों को पुलिस ने 18 जुलाई को कोलकाता के मुस्लिम बाहुल्य तपसिया क्षेत्र से बरामद किया था। बेटियों का अवैध मतांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरोह का सरगना दिल्ली के मुस्तफाबाद का रहने वाला अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह था। पुलिस ने अब्दुल रहमान के अलावा गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, शाहगंज के सराय ख्वाजा के रहने वाले रहमान कुरैशी, हसन अली उर्फ शेखर राय एवं मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पंवार समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।
-गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान और आयशा समेत 14 आरोपिताें को भेजा था जेल
वर्तमान में सभी 14 आरोपित जेल मेें हैं। पुलिस की छानबीन में सामने आया कि मौलाना कलीम सिद्दीकि के जेल जाने के बाद अवैध मतांतरण गिराेह की कमान अब्दुल रहमान के हाथ में थी।पुलिस जांच में अब्दुल रहमान के नेपाल से लेकर म्यांमार एवं भूटान की सीमा तक फैले जाल के बारे में पता चला था। गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, गोवा एवं कश्मीर से जुड़े हैं। जबकि विदेशों में पाकिस्तान, दुबई एवं कनाडा से जुड़े थे।
पुलिस विवेचना में सामने आया कि गिरोह इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म, मोबाइल एप्लीकेशन व गुप्त नेटवर्क के जरिए युवाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने की गतिविधियां लंबे समय से संचालित कर रहा था। गिरोह द्वारा इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर रिवर्ट ग्रुप, जायसन, कोलकाता रिवर्ट्स टू इस्लाम कॉन्ग्रिगेशन” संचालित करता था।

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