Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Yamuna Water Lavel: यमुना का कहर, 100 किसानों की फसलें जलमग्न; खतरे के निशान से सवा फीट दूर जलस्तर

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 09:08 AM (IST)

    आगरा के डौकी में यमुना नदी में उफान आने से तनौरा और नूरपुर गांव के लगभग 100 किसानों की फसलें डूब गईं। गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ही नीचे है। धनिया बाजरा और गोभी जैसी फसलें नष्ट हो गई हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

    Hero Image
    खतरे के निशान से सवा फीट दूर यमुना का जलस्तर, खेत बने तालाब।

    संसू, जागरण-फतेहाबाद/आगरा। डौकी के गांव तनौरा व नूरपुर में यमुना अब किनारे पर बसे लोगों को डराने लगी है। रविवार शाम सात बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से सवा फीट दूर था।गोकुल बैराज से 75, 467 क्यूसेक पानी छोड़ने पर यमुना में आए उफान से तलहटी में खड़ी 100 से अधिक किसानों की फसलें डूब गईं। खेतों के तालाब में तब्दील होने से किसान परेशान हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यमुना में खतरे का निशान 495 फीट है। गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद रविवार शाम सात बजे 493.9 फीट है।गांव तनौरा व नूरपुर के किसानों महेंद्र सिंह, टिंकू, सियाराम, रघुवर लाल, छोटू, लोकेंद्र सिंह, बंटू, विशंभर, नेम सिंह व हरदयाल समेत 100 से अधिक किसानों की फसलें डूब गईं।

    यमुना में आए उफान से डौकी में 100 अधिक किसानों की फसलें डूबीं

    प्रभावित किसानों ने बताया कि धनिया, बाजरा, गोभी व अन्य हरी सब्जियों की फसलें नष्ट हो गई हैं। उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। यमुना में उफान आने से खेतों में पानी भरने के चलते मौजूदा फसल चौपट हो गई हैं, अगली बोआई भी संकट में पड़ सकती है। किसानों ने प्रशासन से शीघ्र नुकसान का सर्वे कर मुआवजा दिलाने की मांग की।

    यमुना में कटान से बदला खेतों की नक्शा

    आगरा। यमुना में कटान से नूरपुर और मेहरा नाहरगंज गांव के किसानों की भूमि का नक्शा बदल दिया है। इन दोनों गांवों के बड़े हिस्से की कृषि भूमि बहकर फिरोजाबाद की तरफ चली गई। जिससे इन गांवों के किसान अपनी ही जमीन पर खेती करने के लिए दूसरे जिले की सीमा पार करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से हो रहे कटान के कारण खेत यमुना पार सरकते चले गए। गांव के कई किसानों की जमीनें पूरी तरह फिरोजाबाद जिले की ओर चली गईं।

    बोआई और कटाई के मौसम में किसानों को अपने गांव से कई किलोमीटर दूर, प्रशासनिक दृष्टि से दूसरे जिले में जाकर काम करना पड़ता है। कटान से न केवल उनकी खेती-किसानी का ढांचा प्रभावित हुआ है, बल्कि राजस्व और प्रशासनिक कामकाज में भी दिक्कत आती है।

    बाह में यमुना का मिजाज शांत, घाटों पर लौटी रौनक

    बाह। क्षेत्र में यमुना का मिजाज अब शांत हो गया है। रविवार को तहसीलदार संपूर्ण कुलश्रेष्ठ ने सुबह 10 बजे यमुना नदी के बटेश्वर और विक्रमपुर घाट का निरीक्षण कर हालात जाने। उन्होंने स्थानीय लोगों से वार्ता की और उनकी परेशानियां जानीं। उन्होंने कहा, फिलहाल नदी का जलस्तर शांत है। राजस्व टीम को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

    वहीं हालात सामान्य होने पर रविवार को घाटों पर चहल-पहल बढ़ गई। घाटों के किनारे बनी दुकानों पर रौनक बढ़ गई। पूजन सामग्री और प्रसाद बिक्री करने वाले ग्राहक खुश नजर आए। बटेश्वर के ब्रह्मलालजी घाट पर घंटे और मंत्रोच्चारण की गूंज सुनाई दी। श्रद्धालु सुबह से ही स्नान, पूजा और जलाभिषेक में जुटे रहे। विक्रमपुर में भी ग्रामीण व बच्चे नदी किनारे खेलते दिखे।

    ये भी पढ़ेंः Saint Premanand: बेकसूर को सजा और अपराध... एएसपी अनुज चौधरी के सवाल पर क्या बाेले संत प्रेमानंद?

    ये भी पढ़ेंः UP Weather News: 24 घंटे में रफ्तार पकड़ेगा मानसून, यूपी के 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट!