World Mental Health Day: कोरोना वायरस इंफेक्शन का रिएक्शन मेंटल टेंशन, 25 प्रतिशत बढ़ी रोगियों की संख्या
World Mental Health Day मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में रोगियों की संख्या 300 तक पहुंची। नशा की प्रवृत्ति भी बढ़ा रही है बीमारी। नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपाेर्ट अब हर दिन 481 लोग कर रहे आत्महत्या। बेहतर खानपान और चिंता से दूर रहने पर रोगी जल्द ठीक हो सकते हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड ने दिमाग में ऐसा केमिकल लोचा पैदा कर दिया है कि मानसिक रोगियों की संख्या में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अगर यकीन नहीं आता है तो मानसिक स्वास्थ्य संस्थान व चिकित्सालय की ओपीडी को देख लीजिए। ओपीडी में हर दिन 300 रोगी पहुंच रहे हैं। अधिकांश रोगियों में नशा की प्रवृत्ति विकसित हो गई है। इससे इनके ठीक होने में समय लग रहा है।
चिंता और अवसाद सबसे ज्यादा
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के अधीक्षक डा. दिनेश राठौर बताते हैं कि मानसिक रोगियों में सबसे अधिक चिंता और अवसाद से ग्रसित रहते हैं। इसके लिए इनकी काउंसिलिंग की जाती है। बेहतर खानपान और चिंता से दूर रहने पर रोगी जल्द ठीक हो जाते हैं। कोविड से पूर्व चिंता और उदासी रोगियों की संख्या कम रहती थी लेकिन अब यह तेजी से बढ़ती जा रही है। नेशनल क्राइम ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में हर दिन 381 लोग आत्महत्या कर रहे थे लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 481 हो गई है। मानसिक विशेषज्ञ डा. विशाल सिन्हा बताते हैं कि जागरूकता के अभाव में मानसिक रोग को लेकर लोग खुलकर बात नहीं करते हैं। रोगी के साथ ठीक से बर्ताव नहीं किया जाता है। समाज में यदि ये पत चल जाए कि किसी का मानसिक उपचार चल रहा है तो उसे हेय की दृष्टि से भी लोग देखने लगते हैं।
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यह करें
- हर दिन योग करें
- सुबह टहलने की आदत विकसित करें
- कुछ भी खाने की आदत से बचें
- पांच से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें
इससे बचें
- शराब पीने से बचें
- पान मसाला या फिर गुटखा न खाएं
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