सुप्रीम कोर्ट का आदेश दरकिनार, नक्षत्र शाला और साइंस पार्क बनाने को हरे पेड़ों पर चलाई आरी
आगरा में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बावजूद, कोठी मीना बाजार के पास साइंस पार्क और नक्षत्रशाला के निर्माण के लिए हरे पेड़ों को काटा गया। नोर् ...और पढ़ें

नॉर्मल कंपाउंड में काटा गया हरा पेड़।
जागरण संवाददाता, आगरा। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में हरियाली के संरक्षण को सख्त आदेशों के बाद भी हरे पेड़ों पर लगातार आरी चल रही है। कोठी मीना बाजार के सामने स्थित एसीपी लोहामंडी के कार्यालय के पीछे स्थित नोर्मल कंपाउंड में साइंस पार्क और नक्षत्रशाला के निर्माण को हरे पेड़ों पर आरी चला दी गई है।
एक पेड़ का तना यहां पड़ा हुआ है। एक अन्य पेड़ के तने को बीच से काट दिया गया है। यहां करीब 10 फीट तक गहरी खोदाई किए जाने से अन्य पेड़ों के अस्तित्व के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। मिट्टी का कटाव होने पर यह कभी भी गिर सकते हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को ही ताजमहल के पास शाहजहां गार्डन में संस्कृति वन के निर्माण को आरसीसी का स्ट्रक्चर खड़ा किए जाने से पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता प्रभावित होने से संबंधित याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। बुधवार को ही शहर के मध्य में पेड़ों को काटने का मामला सामने आया।
नोर्मल कंपाउंड में 39.62 करोड़ रुपये से विज्ञान और प्राैद्योगिकी विभाग द्वारा साइंस पार्क और नक्षत्रशाला बनवाई जा रही है। इसके निर्माण को पेड़ों को काट दिया गया है। दैनिक जागरण ने जब बुधवार को यहां पड़ताल की तो मिट्टी के ढेर पर पड़ा हुआ पेड़ का तना नजर आया। उसके समीप ही बबूल के पेड़ के तने को मध्य से काट दिया गया है, जिसके निशान साफ नजर आ रहे हैं।
अन्य पेड़ों की टहनियां भी काटी गई हैं। यहां खोदाई से अन्य पेड़ों के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो गया है। उनकी जड़ें कमजोर होने से वह कभी भी गिर सकते हैं।
छह नवंबर को हुआ था शिलान्यास
साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का शिलान्यास केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने छह नवंबर को किया था। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय द्वारा इसके लिए तीन वर्ष पूर्व प्रयास शुरू किए गए थे।
बिना अनुमति नहीं काट सकते पेड़
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की पांच किमी की परिधि में किसी भी तरह के पेड़ों को काटने पर रोक लगा रखी है। पांच किमी की परिधि के बाहर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी 49 पेड़ों को काटने की अनुमति दे सकते हैं, लेकिन इसकी निगरानी सेंंट्रल इम्पावर्ड कमेटी करेगी। फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने पेड़ों की परिभाषा निर्धारित कर रखी है। इसके अनुसार एक मीटर ऊंचाई और 10 सेमी व्यास वाले तने को पेड़ की श्रेणी में रखा गया है।

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