वायु प्रदूषण से घुट रहा पौधों का दम, रोकने वाले उदासीन
धूल व वाहनों के प्रदूषण से दम तोड़ रहे चालीस फीसद पौधे, ऑक्सीजन न लेने से नहीं हो पा रही ग्रोथ
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में वायु प्रदूषण सड़क किनारे लगे पौधों का दम घोंट रहा है। धूल और वाहनों से होने वाले प्रदूषण के कारण चालीस फीसद पौधे बढ़ने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। ताजनगरी में पौधों की ग्रोथ को लेकर हुए अध्ययन से ये बात सामने आई है कि सबसे ज्यादा वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण पौधों की ग्रोथ रुक रही है। इसका सबसे ज्यादा असर हाईवे व मुख्य मार्गो पर लगे पौधों पर होता है।
पौधों को लेकर काफी समय तक रिसर्च करने वाले पीडियाट्रिक्स डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि आगरा के अलावा अन्य इलाकों में भी किए गए अध्ययन से ये बात सामने आई है कि वाहनों से निकलने वाले बहुत से कंपाउंड पौधों की ग्रोथ पर असर डाल रहे है। ये कंपाउड दो तरस से असर डालते हैं। ये पत्तों की सतह में मौजूद छिद्र (स्टोमेटा) से अंदर जाकर क्लोरोफिल की सिंथेसिस कम कर देते हैं। जबकि क्लोरोफिल पौधों की ग्रोथ की सबसे ज्यादा जरूरी है। पार्टिकुलेट मैटर व डस्ट से स्टोमेट बंद हो जाता है। इससे गैसों का अदान-प्रदान बंद हो जाता है। जबकि पौधों के लिए सीओ2 व ओ2 दोनों ही जरूरी हैं। इससे कम हो रही पौधों की जिंदगी
वाहनों से निकलने वाले एनओ 2, एसओ 2, हाइड्रोकार्बन, ओजोन, पार्टिकुलेट मैटर, हाईड्रोजन फ्लोराइड, पैराक्सियासिल नाइट्रेट से पौधों पर सीधा असर पड़ रहा है। डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि छावनी एरिया में वाहनों का दबाव कम हैं, वहीं प्रदूषण का स्तर भी काफी है। अध्ययन में ये सामने आया है कि यहां पौधों की ग्रोथ अन्य स्थानों की अपेक्षा अधिक होती है।
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