पूछताछ के नाम पर थाने में तोड़ दी थीं टांगें, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ राज्य मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज
आगरा में, पूछताछ के नाम पर एक युवक को थाने में उल्टा लटकाकर पीटने और उसकी टांगें तोड़ने के आरोप में पुलिसकर्मियों के खिलाफ राज्य मानवाधिकार आयोग ने के ...और पढ़ें

किरावली थाने में दी गई थर्ड डिग्री के बाद अस्पताल में भर्ती पीड़ित।
जागरण संवाददाता, आगरा। थाने में युवक को उल्टा लटकाकर बर्बरतापूर्ण तरीके से पिटाई करके दोनों टांगें तोड़ने के आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ राज्य मानवाधिकार आयोग ने केस दर्ज किया है। मानवाधिकार आयोग की टीम कभी भी आगरा आकर पीड़ित के बयान दर्ज कर सकती है। वहीं आरोपितों के खिलाफ थाने में तीसरे दिन भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को सौंपी गई है।
किरावली के गांव करहरा निवासी वनवीर सिंह फौजी की पांच अगस्त को हत्या कर दी गई थी। उसका शव घर में ही मिला था। हत्या के इस मामले में किरावली पुलिस ने रविवार को पड़ोसी युवक राजू पंडित को पूछताछ के बहाने थाने बुलाया था। इसके बाद युवक पर पुलिस का गुस्सा कहर बनकर टूटा।
शाल से पैर बांधने के बाद युवक को उल्टा लटकाकर थर्ड डिग्री दी गई। युवक को डंडों से इस कदर पीटा गया था कि उसके दोनों पैर टूट गए थे। इस मामले में एसओ नीरज कुमार, दारोगा धर्मवीर सिंह और बीट सिपाही रवि मलिक को निलंबित किया गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की थी।
इसके बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ राज्य मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी ओर तीसरे दिन भी युवक को थर्ड डिग्री देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाने में मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है। राजू के चचेरे भाई संजय शर्मा ने बताया कि तहरीर तैयार है, इसे गुरुवार को पुलिस को सौंपेंगे। मामले में पुलिस आयुक्त से भी वार्ता हुई है। उन्होंने जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राम बदन सिंह को सौंपी है।
सपा नेताओं ने राजू का जाना हाल
पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए राजू पंड़ित से सपा नेताओं ने अस्पताल में मुलाकात की। राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि अभी तक पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होने से अचंभित हैं। उन्होंने पीड़ित से घटनाक्रम की जानकारी ली। साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही पार्टी हाईकमान को भी मामले की जानकारी देने की बात कही। मुलाकात करने वालों में लोकेंद्र दुबे, देवेंद्र उपाध्याय भी शामिल रहे।
पर्दाफाश के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम
करहरा निवासी वनवीर सिंह की हत्या का पर्दाफाश पांच महीने बाद भी नहीं हो सकता है। उनके भाई हरेंद्र सिंह ने पुलिस को वारदात का पर्दाफाश करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर पुलिस 15 दिन में हत्या का पर्दाफाश नहीं करती है तो वह मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात करके पूरे मामले की शिकायत करेंगे।

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