Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: राणा सांगा को गद्दार बताने पर अखिलेश यादव व रामजीलाल सुमन के खिलाफ शिकायत दर्ज, हुई सुनवाई

    Updated: Mon, 24 Mar 2025 04:13 PM (IST)

    आगरा की एक सिविल कोर्ट में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने एक वाद दायर किया है जिसमें उन्होंने सपा नेता रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा को गद्दार कहने का विरोध किया है। अधिवक्ता ने दावा किया है कि बाबरनामा और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था न कि राणा सांगा ने।

    Hero Image
    सिविल जज सीनियर डिवीजन ने फाइल को अग्रिम आदेश के लिए रख लिया।

    जागरण संवाददाता, आगरा। राणा सांगा को गद्दार कहने के मामले में सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में सोमवार को अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सिविल वाद दायर किया। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने फाइल को अग्रिम आदेश के लिए रख लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार समाचार पत्रों व सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन राणा सांगा को गद्दार बोल रहे हैं। उनका समर्थन सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कर रहे हैं। 

    बाबर को दौलत खान लोदी ने बुलाया

    अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ब्रिटिश सरकार के अधिकारी एएस बके बेबरिज ने बाबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया है, जिसमें साफ-साफ लिखा है कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था और वर्ष 1884 के लाहौर गजेटियर के पेज संख्या- 20 पर भी यही तथ्य लिखा है कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलत खान लोदी ने बुलाया था। 

    जब ब्रिटिश सरकार के 100-150 साल पुराने अभिलेखों में यह लिखा है कि बाबर को  दौलत खान लोदी ने भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया था तो किन दस्तावेजों के आधार पर रामजीलाल सुमन यह दावा कर रहे हैं कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध राणा सांगा ने आमंत्रित किया था। 

    इसका समर्थन अखिलेश यादव भी कर रहे है। बाबरनामा का विश्लेषण करने पर यह पता चलता है कि बाबर व राणा सांगा के बीच में युद्ध 11 फरवरी 1527 से 17 मार्च 1527 तक चला। बाबर का कैम्प खानवा में पहाड़ी के निकट था। 

    बाबरनामा का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 17 मार्च 1527 को अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर लड़ा गया, जिसमें राणा सांगा घायल हो गए थे और सीकरी के कामाख्या माता मंदिर परिसर (जामा मस्जिद) में 250-300 कब्रें उन्हीं मुगल सैनिकों की हैं जो कि बाबर-राणा सांगा के मध्य हुए युद्ध में मारे गए थे। 

    उन्होंने न्यायालय से मांग की है कि न्यायालय द्वारा यह उद्घोषणा की जाए कि बाबर को इब्राहिम लोदी पर आक्रमण  करने के लिए दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था न कि राणा सांगा ने। 17 मार्च 1527 का अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर हुआ था न कि खानवा में।

    यह भी पढ़ें: कुछ सपा नेताओं के शरीर में बस गई दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आत्मा, सुमन के बयान पर बोले बृजभूषण सिंह

    यह भी पढ़ें: हिंदू गद्दार राणा सांगा की औलाद… सपा सांसद ने राज्यसभा में दिया बयान, औरंगजेब पर छिड़ी बहस में आया उबाल