UP By Elections Result: बस एक दिन का इंतजार, उम्मीदवारों के लिए बेसब्री भरे रहेंगे अगले 24 घंटे
UP By Elections Result मैनपुरी में सपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। पांच बार सांसद रहे मुलायम सिंह की सीट बचाने की चुनौती है। खतौली और रामपुर में भाजपा की लड़ाई सपा से ही है। तीनों सीटों पर बसपा-कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे।
यूपी, जागरण टीम। बस कुछ ही घंटे में उत्तर प्रदेश में हुए तीन सीटों पर उप चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे। प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें बढ़ने का ये समय है। मैनपुरी और रामपुर सीट पर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा ने मैनपुरी में कभी जीत का स्वाद नहीं चखा है। मैनपुरी सीट से सपा घराने की बहू डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह की किस्मत ईवीएम में कैद है। खतौली से भाजपा की राजकुमार सैनी का मुकाबला सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी है। वहीं रामपुर सीट पर आजम खां के करीबी असीम रजा की टक्कर भाजपा के आकाश सक्सेना से है।
खतौली उप चुनाव में ये हैं प्रत्याशी
खतौली विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। पूर्व विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद खतौली सीट पर उपचुनाव हुए। बीजेपी ने विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा था। कांग्रेस व बसपा के प्रत्याशी मैदान में न होने से रालोद और बीजेपी में सीधी टक्कर है।
रामपुर सीट
रामपुर सीट पर सपा नेता और पूर्व विधायक आजम खां ने समाजवादी पार्टी के करीबी असीम रजा मैदान में हैं। मैनपुरी और रामपुर सीट पर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ये दोनों सीटें जीतने के लिए सपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। रामपुर में भाजपा ने आकाश सक्सेना को प्रत्याशी बनाया है।
मैनपुरी में 54.37 प्रतिशत, रामपुर में सबसे कम हुआ था मतदान
- मैनपुरी उपचुनाव में सोमवार को 54.37 प्रतिशत मतदान हुआ था।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का आंकड़ा 56.67 प्रतिशत रहा था।
- मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह के निधन के कारण के उपचुनाव कराया गया।
- इस बार छह प्रत्याशी मैदान में थे।
- मुज्जफर नगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर सोमवार को उप चुनाव 54.50 प्रतिशत मतदान हुआ था।
- रामपुर में हुए उप चुनाव में 31.22 प्रतिशत मत पड़े थे।
- इस सीट सपा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया
सपा ने पूरी ताकत झोंकी थी
- मुलायम का गढ़ मानी जाने वाली सीट को बचाने के लिए सपा ने पूरी ताकत झोंकी थी। खुद अखिलेश यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने गांव-गांव जाकर वोट मांगे
- भाजपा ने पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया था।
- मुलायम सिंह यादव को अपना गुरु बताने वाले और शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य इस साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे।
- सपा के गढ़ को ढहाने के लिए भाजपा ने जबर्दस्त ताकत झोंकी थी। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो जनसभाएं की।
- दोनों डिप्टी सीएम सहित भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायक लगातार प्रचार में जुटे रहे।
- जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह आठ दिसंबर को मतगणना के बाद सामने आएगा।
रामपुर में आजम खां के साथ-साथ अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इस सीट पर आजम खां की सदस्यता रद होने के बाद उप चुनाव हुआ है।
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