आगरा में सात साल की भतीजी से दुष्कर्म करने के दोषी चाचा को 20 साल की जेल, कोर्ट ने 51 हजार रुपये का लगाया अर्थदंड
आगरा में एक अदालत ने सात वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के दोषी चाचा को 20 साल की कैद की सजा सुनाई है और 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। महिला ने 2022 में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज कराने पर आरोपी ने मां-बेटी को बंधक बनाकर मारपीट भी की थी। न्यायालय ने जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। सात वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित चाचा को न्यायालय से दोषी करार देते हुए बीस साल के कारावास की सजा सुनाई है। उसे 51 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। मुकदमा दर्ज कराने पर आरोपित ने मां-बेटी को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट भी की थी। अदालत ने पति व सास की पत्रावली को 19 अगस्त 2025 को पृथक कर दिया था।
थाना सिकंदरा में महिला ने 23 फरवरी 2022 को बेटी के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के अनुसार 11 जनवरी 2022 को वह अपनी बड़ी बहन एवं उनकी सास के साथ रिश्तेदार की मृत्यु होने पर एक गांव में गई थीं। सात वर्षीय पुत्री को देवर एवं अन्य स्वजन के पास छोड़ गई थीं। शाम को घर आने पर बेटी बदहवास हालत में मिली। पूछने पर बेटी ने चाचा द्वारा दुष्कर्म किए जाने की जानकारी दी। इस बीच देवर घर से भाग गया।
महिला ने पति और सास को पुत्री के साथ हुई वारदात के बारे में जानकारी दी, तो उन्होंने मां-बेटी को चुप करा दिया। दूसरे दिन सास पुत्री को इलाज के बहाने अपने साथ डींग ले गईं। मुकदमा दर्ज कराने की कहने पर पति, सास व देवर ने मां-बेटी को कमरे में बंद करके बेल्ट से पीटा। थाने जाने पर जान से मारने की धमकी दी। रिश्तों को दरकिनार कर महिला ने पति, सास के विरुद्ध बंधक बनाकर मारपीट करने व धमकी देने के साथ ही देवर के विरुद्ध दुष्कर्म की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था। एडीजे-26 ने चाचा को दोषी पाते हुए 20 वर्ष कारावास एवं 51 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने अर्थदंड की राशि में से आधी राशि पीड़िता को देने के निर्देश दिए।
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