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    यूपी में दो गनर के साथ ठेलवाला, सुरक्षाकर्मियों के साए में बेच रहा कपड़े, रामेश्वर सिंह यादव से जुड़ा है मामला

    By Abhishek SaxenaEdited By:
    Updated: Mon, 18 Jul 2022 04:06 PM (IST)

    Rameshwar Singh Yadav यूपी के एटा जिले में सपा के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई जुगेंद्र सिंह इन दिनों भू-माफिया घोषित हैं और गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई हुई है। जमीन कब्जे की शिकायत करने वाले शख्स को हाईकोर्ट ने सुरक्षा दिलाई है।

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    Rameshwar Singh Yadav: एटा में पीड़ित की सुरक्षा के लिए ठेले के पास बैठे गनर

    आगरा, जागरण टीम। उत्तर प्रदेश के शहर एटा में एक आदमी की ठेल पर दो सुरक्षाकर्मी देखने का नजारा सभी को चौंका रहा है। कपड़ों की ठेल लगाने वाले शख्स के पीछे दो गनर बैठे हैं।

    कभी-कभी कारोबारियों और नेताओं को सुरक्षा के लिए एक गनर मुहैया होना मुश्किल होता है। लेकिन एटा में एक ठेल वाले आम आदमी को दो गनर मिलने पर सभी इस बात की चर्चा कर रहे हैं।

    गैंगस्टर भाइयों के खिलाफ दर्ज कराया मामला

    दरअसल एटा जनपद के अलीगंज के पूर्व सपा विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव के विरुद्ध एससी-एसटी और जमीन पर अवैध कब्जे का मुकदमा दर्ज कराने वाले पीड़ित को हाइकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा दी गई है। पीड़ित ठेल लगाकर कपड़ा बेचता है। इस दौरान दो गनर उसके साथ रहते हैं।

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    जमीन पर वर्ष 2014 में हुआ था कब्जा, सड़क पर आ गया था परिवार

    पीड़ित जैथरा निवासी रामेश्वर दयाल की जमीन पर वर्ष 2014 में जब कब्जा हो गया तो परिवार सड़क पर आ गया। तब से वे ठेल लगाकर रेडीमेड कपड़े बेचने का काम कस्बा में ही करते हैं। उन्हें नहीं मालूम था कि सुरक्षा मिलेगी। दो गनर अचानक उनके ठेले पर पहुंचे तो रामेश्वर ने समझा कि वे कपड़े खरीदने आए हैं। सुरक्षा गार्डों ने बताया कि उन्हें सुरक्षा के लिए भेजा गया है।

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    एक माह तक बंधक बनाने का लगाया आरोप

    रामेश्वर दयाल ने 3 जून 2022 को सपा नेताओं और तत्कालीन लेखपाल व उनकी पत्नी आदि के खिलाफ एक माह तक बंधक बनाकर जबरन बैनामा कराने और एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर सपा नेताओं ने हाइकोर्ट में यह मुकदमा रद करने की याचिका डाली, जिस पर सुनवाई चल रही है ओर अगली सुनवाई के लिए हाइकोर्ट ने 25 जुलाई तिथि निर्धारित की है।

    हाईकोर्ट ने सुनवाई में कहा-पीड़ित बिना सुरक्षा अदालत कैसे आया

    हाइकोर्ट की तरफ से रामेश्वर दयाल को नोटिस जारी कर 16 जुलाई को उन्हें हाइकोर्ट बुलाया गया था। रामेश्वर दयाल बताते हैं कि सुनवाई के दौरान अदालत में न्यायाधीश भी आश्चर्य में पड़ गए कि पीड़ित बिना सुरक्षा के अदालत तक कैसे आ गया। न्यायाधीश ने सुरक्षा देने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि अदालत ने सुरक्षा मुहैया कराई है इस बारे में जानकारी जब सुरक्षाकर्मी ठेले पर पहुंचे, तब ही मिली।

    पीड़ित बोला हक के लिए लड़ रहे

    रामेश्वर दयाल को जब से सुरक्षा मिली है तब से उसका हौसला भी बढ़ा है। उसने कहा कि हमने अपने हक के लिए आवाज बुलंद की है और न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे। हाइकोर्ट में जब भी बुलाया जाएगा तब हम जरूर जाएंगे। अब हमें डर नहीं लग रहा।

    दो गनर सुरक्षा के लिए लगाए

    एसएसपी उदयशंकर सिंह ने रविवार को दो सशस्त्र पुलिसकर्मी रामेश्वर दयाल की सुरक्षा में लगा दिए। अब पीड़ित सुरक्षा के साए में कपड़े बेच रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाह ने बताया कि पीड़ित को सुरक्षा प्रदान की गई है दो सशस्त्र पुलिसकर्मी लगाए गए हैं, जो उसके साथ रहेंगे। 

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