Rameshwar Singh Yadav: गैंगस्टर पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह और जुगेन्द्र की 29 करोड़ की संपत्ति होगी कुर्क, एटा डीएम ने दिए आदेश
Rameshwar Singh Yadav अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव के खिलाफ सबसे पहला मामला 1978 में थाना जैथरा में दर्ज हुआ था। इसमें नकबजनी का आरोप लगाया गया था। इसके बाद 1980 में आर्म्स एक्ट जानलेवा हमला की रिपोर्ट दर्ज हुई थी।

आगरा, जागरण टीम। उत्तर प्रदेश के जिला एटा के सपा नेता और अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव के विरुद्ध जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। संपत्तियों के प्रशासक भी नियुक्त किए गए हैं। सात दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
दोनों भाइयों पर लगे आरोप
दोनों भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। पूर्व विधायक ने अपने व पत्नी राममूर्ति यादव तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने खुद व अपनी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा यादव के नाम पर अनाप शनाप चल-अचल संपत्ति अर्जित की।
जुगेंद्र और उनकी पत्नी के नाम 15 करोड़ 45 लाख 97 हजार 735 रुपये तथा पूर्व विधायक रामेश्वर और उनकी पत्नी के नाम 13 करोड़ 35 लाख 23 हजार 814 रुपये की संपत्ति अर्जित की गई। इस तरह से दोनों भाइयों और उनकी पत्नियों के नाम चल-अचल संपत्ति 28 करोड़ 81 लाख 21 हजार 549 रुपये की है। इस संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए गए हैं।
दोनों भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज
दोनों भाइयों के नाम गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज है और 10 जून को पूर्व विधायक जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जिलाधिकारी ने उप जिला मजिस्ट्रेट सदर और अलीगंज को प्रशासक नियुक्त किया है तथा गैंगस्टर का मामला देहात कोतवाली में दर्ज है इसलिए थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि संपत्तियों को कुर्क करके सात दिन में आख्या दें। जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 81 और पूर्व विधायक के खिलाफ 78 मुकदमे दर्ज हैं।
अन्य जिलों की संपत्तियां भी होंगी कुर्क
एटा के अलावा आगरा, कानपुर और लखनऊ की संपत्तियां कुर्क होंगी, संबंधित जिलों के डीएम को एटा जिलाधिकारी ने पत्र लिखा है।
पूर्व विधायक रामेश्वर की एससीएसटी एक्ट की जमानत अर्जी खारिज
रामेश्वर सिंह यादव के विरुद्ध दर्ज एससीएसटी एक्ट मामले में उनकी जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी। हाल ही में पूर्व विधायक और उनके परिवार व एक लेखपाल और उनकी पत्नी के खिलाफ बंधक बनाकर फर्जी बैनामा कराने का मुकदमा एससीएसटी एक्ट में दर्ज कराया गया था।मामला वर्ष 2014 का है।
पांच जून को दर्ज कराई रिपोर्ट
जैथरा कस्बा निवासी रामेश्वर पुत्र सकटू ने अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव व उनकी पत्नी राममूर्ति यादव, उनके अनुज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव व उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा यादव, अन्य भाइयों रामनाथ यादव, रामखिलाड़ी यादव और उनकी पत्नी किताबश्री तथा तत्कालीन लेखपाल रामखिलाड़ी और उनकी पत्नी मुन्नी के खिलाफ एक माह तक बंधक बनाकर तथा डरा-धमकाकर जबरन जमीन का बैनामा कराने की रिपोर्ट एससीएसटी एक्ट के तहत 5 जून को दर्ज कराई थी। पूर्व विधायक गैंगस्टर मामले में जेल में निरुद्ध हैं।
अदालत में हुई सुनवाई
शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट रामबाबू यादव की अदालत में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि पूर्व विधायक की उम्र 72 साल है और उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है, मगर सरकारी वकीलों ने इसका पुरजोर विरोध किया। अदालत ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी।
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