Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    ''द ताज स्टोरी'' के बाद अब बनेगी ''द सीकरी फाइल्स'', वेब सीरीज में सामने आएंगे इतिहास में दबे हुए पहलू

    By Nirlosh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 08:50 PM (IST)

    ताजमहल पर 'द ताज स्टोरी' के बाद अब फतेहपुर सीकरी के विवादित इतिहास पर 'द सीकरी फाइल्स' वेब सीरीज बनेगी। जनवरी में इसकी शूटिंग होगी। वेब सीरीज से पहले ...और पढ़ें

    Hero Image

    सीकरी फाइल्स का पोस्टर जारी किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। ताजमहल से जुड़े विवादों को कोर्ट रूम ड्रामा पर आधारित फिल्म ''''द ताज स्टोरी'''' में दिखाया गया था। अब फतेहपुर सीकरी से जुड़े विवादों पर वेब सीरीज ''''द सीकरी फाइल्स'''' बनाई जा रही है। वेब सीरीज की शूटिंग जनवरी में होगी। वेब सीरीज से पहले 90 मिनट की डाक्यूमेंट्री बनेगी, जो फतेहपुर सीकरी के वास्तविक इतिहास को तथ्यों के माध्यम से सामने लाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समरी या कांस्पिरेसी के नाम से इसकी शूटिंग जनवरी में की जाएगी। ताजमहल से जुड़े विवादों पर आधारित फिल्म ''''द ताज स्टोरी'''' 31 अक्टूबर को रिलीज हुई थी। निर्माता सुनील झा और निर्देशक तुषार अमरीश गोयल की फिल्म में अभिनेता परेशा रावल ने गाइड की भूमिका निभाई थी। अब फतेहपुर सीकरी से जुड़े विवादों को वेब सीरीज ''''द सीकरी फाइल्स-अनरवेलिंग द मिस्टरीज आफ फतेहपुर सीकरी'''' में प्रदर्शित किया जाएगा।

    इसकी कहानी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने लिखी है। फिल्म निर्माता उनकी पत्नी जया सिंह और निर्देशक लोकेंद्र सिंह सिसौदिया हैं। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि टाइटल रजिस्टर्ड करा लिया गया है। वेब सीरीज सात से आठ घंंटे के कथानक पर आधारित होगी। सेंसर बोर्ड से पास कराने में दिक्कत नहीं आए, इसलिए फिल्म के बजाय वेब सीरीज बनाने का निर्णय लिया गया है।

    इसमें फतेहपुर सीकरी के सही इतिहास को दिखाते हुए यह बताया जाएगा कि इतिहास को किस तरह विकृत किया गया और कहां-कहां गड़बड़ी की गई?

    दायर कर रखे हैं वाद

    अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में फतेहपुर सीकरी को सिकरवार राजाओं द्वारा बसाया गया विजयपुर सीकरी बताते हुए 11 सितंबर, 2024 को वाद दायर किया था। उन्होंने वाद में दावा किया है कि बाबर ने विजयपुर सीकरी का नाम बदलते हुए फतहपुर सीकरी किया था, जो कालांतर में फतेहपुर सीकरी हो गया।

    उन्होंने इससे पूर्व नौ मई, 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर करते हुए शेख सलीम चिश्ती की दरगाह को कामाख्या माता माता का मंदिर और जामा मस्जिद के मंदिर परिसर होने का दावा किया था।