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    Air Pollution: रोकथाम को निकाली नई योजना, पराली के बदले किसानों को मिलेगी गोबर खाद

    By Vidhyaram Narwar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:00 PM (IST)

    आगरा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक नई योजना शुरू की गई है। इसके तहत, किसानों को पराली गोशालाओं तक पहुंचाने पर गोबर की खाद मिलेगी, और उन्हें परिवहन का खर्च भी दिया जाएगा। इस पहल से प्रदूषण कम होगा और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। 

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    प्रतीकात्मक चित्र।

    विद्याराम नरवार, आगरा। पराली से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को इसका विकल्प दिया गया है। खेतों में न जलाकर गोशालाओं तक पहुंचाए जाने पर उन्हें गोबर की खाद उपलब्ध कराई जाएगी।

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    गोशाला तक पराली पहुंचाने में आने वाले खर्च का भी उसे भुगतान किया जाएगा। इससे एक पंथ दो काज वाली कहावत भी सार्थक साबित होगी। एक प्रदूषण को रोकना और दूसरा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना है।

    जिले में 90 गोशाला संचालित है। इसमें लगभग 25 हजार गोवंश है। सभी गोशाला में लगभग 70 से 80 ट्रॉली गोबर निकलता है। पशु पालन विभाग पराली के बदले किसानों को गोबर देगा। सभी खंड विकास अधिकारियों व गोशाला संचालकों को इसके लिए विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है।

    इसकी जानकारी अधिक से अधिक किसानों को दी जाए, इसके भी प्रयास किए जाने के लिए कहा गया है। किसानों द्वारा पराली जलाने से वायु प्रदूषण में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके कारण वायु जहरीली होती जा रही है।

    सरकार का प्रयास है कि पराली को किसी कीमत पर न जलाया जाए। सभी 15 विकास खंड के खंड विकास अधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए पराली का प्रयोग किया जाए। पराली काे निराश्रित गोवंश के नीचे बिछाया जाए।

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. डीके पांडेय का कहना है, पराली के बदले किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध कराई जाएगी। पराली जलेगी नहीं तो प्रदूषण भी नहीं हाेगा। दूसरा जैविक खेती को बढ़ावा मिल सकेगा।

     

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