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    UP Crime News: एसटीएफ और पुलिस ने गिरफ्तार किया ऐसा गिरोह, जिसने फर्जी कागजों से अब तक 100 बदमाशों को दिलाई जमानत

    Updated: Wed, 24 Apr 2024 07:33 AM (IST)

    Agra Crime News In Hindi Today आरोपितों द्वारा अब तक विभिन्न मामलों में जेल में बंद 100 से अधिक लोगों को फर्जी प्रपत्रों से जमानत लेने की बात कही गई है। बरामद प्रपत्रों की जांच कर इसका पता किया जा रहा है। आरोपितों ने कुछ अधिवक्ताओं के नाम भी पूछताछ में बताए हैं। आरोपितों से 26 हजार रुपये बरामद किए हैं। सभी आरोपितों को जेल भेजा गया है।

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    फर्जी प्रपत्रों से 100 अपराधियों की जमानत लेने वाला गिरोह गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, आगरा। फर्जी प्रपत्रों से 100 से अधिक अपराधियों की जमानत लेने वाले गिरोह के सरगना समेत सात सदस्यों को विशेष कार्य बल एसटीएफ और सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह घर बैठे थानों और तहसीलों के सत्यापन की फर्जी मुहरें लगाकर न्यायालय को गुमराह कर विभिन्न मामलों में बंद आरोपितों की जमानत कराता था।

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    गिरोह के पिछले दिनों सदर थाने से गैंगस्टर में बंद नैनाना जाट के अजय की फर्जी प्रपत्रों से कमल और हरिओम ने जमानत ली थी। आरोपितों से 129 कूटरचित आधार कार्ड, थानों और तहसीलों की 24, धौलपुर व मुरादाबाद जिलों की फर्जी खसरा-खतौनी एवं वाहनों के रजिस्ट्रेशन आदि बरामद किए हैं। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। सरगना अश्विनी और उसका साथी मोहित गुप्ता पूर्व में भी फर्जी जमानत के मामले में जेल जा चुके हैं।

    जमानत कराने का लेते थे ठेका

    एसटीएफ के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह और यतींद्र शर्मा को गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। सोमवार की रात को अलग-अलग स्थानों से आरोपितों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ द्वारा पूछताछ करने पर सरगना अश्विनी ने बताया कि विभिन्न मामलों में बंद बाहर के जिलों के आरोपितों की जमानत स्थानीय लोग लेने को जल्दी तैयार नहीं होते हैं। वह ऐसे लोगों की जमानत का 40 हजार रुपये में ठेका लेता था।

    प्रहलाद कुमार और बंटी को फर्जी जमानतदार बना कर पेश करते थे। दोनों को वह चार-चार हजार रुपये देता था। मोहित गुप्ता, मयंक और सुनील का काम फर्जी मुहरें तैयार करना था। दीवानी में टाइपिंग का काम करने वाला मेराज फर्जी आधार कार्ड बनाकर देता था। इन सभी को वह चार-चार हजार रुपये प्रति जमानत देता था।

    एसीपी सदर सर्किल पीयूष कांत राय ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में फर्जी जमानत लेने के मामले में फतेहाबाद का हरिओम, देवरी रोड सदर का कमल, सुशील नगर एत्माद्दौला का अशोक और बेलनगंज की ममता पत्नी नेमीचंद के नाम भी सामने आए हैं। जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास कयिा जा रहा है।

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    ये हुए गिरफ्तार

    भूड़ का बाग कमला नगर का मंयक गुप्ता, राधा नगर बल्केश्वर का सुनील कुमार, लोहिया नगर बल्केश्चर का मोहित गुप्ता, बल्केश्वर कालोनी का प्रहलाद कुमार, बुढेहरा गांव ताजगंज का बंटी उर्फ उमाशंकर, धूलियागंज कोतवाली का मेराज हुसैन। सरगना अश्विनी कुमार मूलरूप से गांव समाहद थाना रूपवास भरतपुर का रहने वाला है। वर्तमान में मारूति सिटी कालोनी शमसाबाद रोड पर रहता है।

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    निर्मल और रामकिशन के नाम से थी गई गैंगगस्टर की जमानत

    आरोपित कमल ने निर्मल और हरिओम ने रामकिशन के नाम से कूटरचित प्रपत्र तैयार कर गैंगस्टर एकट में बंद अजय की जमानत ली थी। निर्मल बने कमल और रामकिशन बने हरिओम ने ने फर्जी आधार कार्ड में अपना पता गांव भानपुर थाना मनिया धौलपुर दिखाया है। आधार कार्ड पर दोनों के फोटो लगे हैं।

    ये हुए बरामद

    129 कूटरचित आधार कार्ड, 24 फर्जी मुहरें, 35 वाहनों के पंजीकरण के कूटरचित प्रपत्र, 8 विभिन्न बैंकों व तहसील की कूटरचित रिपोर्ट, 21 जमानत तस्दीक अाख्या का प्रारूप, 49 कूटरचित यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी व जमाबंदी खतौनी के प्रपत्र।