फर्जी अंकतालिका मामले में सेंट जोंस कॉलेज की शिक्षिका 14 साल बाद बर्खास्त, 2011 में हुआ था चयन
सेंट जोंस डिग्री कॉलेज की शिक्षिका डॉ. विधु ग्रेस नोइल को 14 साल बाद बर्खास्त किया गया। उन पर 2011 में सहायक आचार्य पद पर चयन के दौरान 12वीं की फर्जी ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। सेंट जोंस डिग्री कॉलेज की शिक्षिका डॉ. विधु ग्रेस नोइल को 14 वर्ष तक सहायक आचार्य के पद पर पढ़ाने के बाद बर्खास्त कर दिया है। कालेज द्वारा गठित समिति ने चयन के समय उनके द्वारा लगाई गई 12 वीं की प्रथम श्रेणी की स्व प्रमाणित अंकतालिका को प्रारंभिक जांच में फर्जी माना है।
उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज द्वारा विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं लेकिन मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कॉलेज प्रशासन ने आगे की कार्रवाई नहीं की है।
वर्ष 2011 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग का सहायक आचार्य के पद पर हुआ था चयन
सेंट जोंस डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि डॉ. विधु ग्रेस नोइल का वर्ष 2011 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में सहायक आचार्य के पद पर चयन हुआ था। उस दौरान केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12 वीं की प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की स्व प्रमाणित अंकतालिका लगाई थी। कॉलेज से सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन दयालबाग के रहने वाले विजय कुमार ने वर्ष 2024 में डॉ. विधु ग्रेस नोइल पर 12 वीं में अनुत्तीर्ण होने के बाद भी चयन के दौरान 12 वीं की प्रथम श्रेणी की प्रथम श्रेणी की फर्जी अंकतालिका लगाने की शिकायत की थी।
फर्जी अंकतालिका लगाने के आरोप में जांच के बाद प्रबंध समिति ने किया बर्खास्त
प्रो. नमिता श्रीवास्तव, प्रो. सैमुअल जार्डन, प्रो. संजय जैन तीन सदस्यीय समिति की जांच में फर्जी अंकतालिका की बात सामने आने के बाद प्रो. राजीव फिलिप को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। 24 मार्च 2025 को जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर फर्जी अंकतालिका से चयन के आरोप में प्रबंध समिति ने डॉ. विधु ग्रेस नोइल को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी के अनुमोदन के बाद 19 सितंबर को बर्खास्त कर दिया।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने विधिक कार्रवाई न होने पर आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की गई। सेंट जोंस डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि शिक्षिका द्वारा बर्खास्तगी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है, इस माले में आगे की कार्रवाई के लिए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी से राय मांगी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।