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    Road Safety: ब्लैक स्पॉट पर होते हैं इस वजह से हादसे, कागज में कैद हैं वाहनों की Speed Control के उपाय

    By amit dixitEdited By: Tanu Gupta
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 01:49 PM (IST)

    Agra News ब्लैक स्पाट पर 60 प्रतिशत दुर्घटनाओं की वजह है वाहनों की तेज गति। सभी हाईवे पर एनएचएआइ टीम ने सिर्फ लगाए गए हैं बोर्ड। यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर सभी नेशनल हाईवे के वाहनों की गति पर निगाह रखने की जरूरत।

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    ब्लैक स्पाट पर 60 प्रतिशत दुर्घटनाओं की वजह है वाहनों की तेज गति।

    आगरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे। नगरायुक्त की कोठी से सिकंदरा सब्जी मंडी अंडरपास की तरफ वाहनों की अधिकतम गति सीमा बीस किमी प्रति घंटा का बोर्ड लगा है जबकि वाहन चालक इससे दो से तीन गुनी रफ्तार से गुजरते हैं। छह माह में एक बार भी यहां पर वाहनों की गति नियंत्रण की जांच नहीं हुई है। यह जांच एनएचएआइ और ट्रैफिक पुलिस को करनी थी।

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    ग्वालियर हाईवे स्थित सैंया क्षेत्र में 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार का बोर्ड लगा हुआ है। वाहन चालक इससे कहीं तेजी से गुजरते हैं। आठ माह में एनएचएआइ ग्वालियर खंड की टीम ने एक भी वाहन चालक का गति के उल्लंघन पर चालान नहीं किया है। चार माह में 300 मीटर के हिस्से में पांच दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) टीम की लापरवाही के यह तो दो ही उदाहरण हैं। हाईवे पर एनएचएआइ की टीम ने सिर्फ गति सीमा के बोर्ड लगा दिए हैं जबकि कागजों में वाहनों की गति नियंत्रण के उपाय कैद हैं। जिले के 71 ब्लैक स्पाट पर वाहनों की गति नियंत्रण न होने के कारण 60 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुई हैं। इसके बाद भी एनएचएआइ या फिर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है।

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    नेशनल हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे तक नहीं

    सेवानिवृत्त इंजीनियर बीके चौहान बताते हैं कि नेशनल हाईवे-19, जयपुर हाईवे, ग्वालियर हाईवे, जलेसर हाईवे, हाथरस हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वाहन चालकों को पता है कि उन पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है। ऐसे में चालक तेज गति से वाहन चलाते हैं। गति सीमा का ध्यान नहीं रखते हैं। तेज गति से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। उन्होंने बताया कि हाईवे पर स्पीड रडार लगाए जाने चाहिए। साथ ही सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होनी चाहिए।

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    हर दिन होनी चाहिए जांच

    सेवानिवृत्त इंजीनियर एसपी सिंह का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर सभी नेशनल हाईवे के वाहनों की गति पर निगाह रखने की जरूरत है। हर दिन जांच होने से वाहन चालक गति नियंत्रण का उल्लंघन नहीं करेंगे।

    यह है जुर्माना की धनराशि

    दो और चार पहिया वाहन का दो हजार रुपये, भारी वाहनों का चार हजार रुपये है।