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    Road Safety: हाईवे पर खराब इंजीनियरिंग से ब्लैक स्पाट्स, फिर कैसे रोक पाएंगे दुर्घटनाएं, पढ़िए विशेष रिपाेर्ट

    By amit dixitEdited By: Prateek Gupta
    Updated: Thu, 17 Nov 2022 12:49 PM (IST)

    Road Safety आगरा जिले में 71 हैं ब्लैक स्पाट्स। नेशनल हाईवे पर ही 100 हैं अवैध कट। अवैध कट को बंद करने पर नहीं ध्यान स्ट्रीट लाइट के भी नहीं हैं इंतजाम। खराब रोड इंजीनियरिंग के चलते अक्सर होते हैं यहां हादसे। कुछ दिन पहले ही कार घुसी दुकान में।

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    Road Safety: आगरा दिल्ली रोड पर बने ब्लैक स्पाट पर पिछले दिनाें दुर्घटनाग्रस्त बाइक।

    आगरा, अमित दीक्षित। आगरा दिल्ली नेशनल हाईवे-19 स्थित गुरु का ताल। पांच साल में 15 बड़ी दुर्घटनाएं हुईं इसमें 16 लोगों की मौत हुई। अलग-अलग दुर्घटनाओं में 60 से लोग घायल हुए। इसी आधार पर इसे ब्लैक स्पाट घोषित किया गया। इस तिराहा पर रोड की इंजीनियरिंग खराब है। सर्विस रोड की चौड़ाई कम है और शार्प मोड़ है। दोनों तरफ ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगे है। हाईवे के दोनों तरफ 300 मीटर की दूरी पर संकेतक बोर्ड नहीं लगे हैं। इससे वाहन चालकों को समय रहते ब्लैक स्पाट की जानकारी नहीं हो पाती है। वाहनों की रफ्तार भी धीमी नहीं होती है।

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    ग्वालियर हाईवे

    ग्वालियर हाईवे स्थित मधुनगर चौराहा। इस चौराहा पर पांच साल में 12 बड़ी और 17 छोटी दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद भी एनएचएआइ ग्वालियर खंड और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने सबक नहीं लिया। 300 मीटर की दूरी पर ब्लैक स्पाट का बोर्ड नहीं लगा है। अधिकांश दुर्घटना की मुख्य वजह तेज गति है। जिस तरीके से स्पीड ब्रेकर बनने चाहिए। वह नहीं बनाए गए। न ही संकेतक बोर्ड लगाए गए। रात में रेफ्लिक्टिव टेप भी जगह-जगह नहीं लगाए गए हैं। रोशनी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। क्रैश बैरियर टूट चुका है।

    आगरा-हाथरस हाईवे

    आगरा-हाथरस हाईवे स्थित टेढ़ी बगिया चौराहा। पांच साल में इस चौराहा पर 22 बड़ी और 17 छोटी दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 27 लोगों की मृत्यु हो गई। इस चौराहा के दोनों ओर रोड और फुटपाथ पर अतिक्रमण है। चौराहा के दोनों ओर क्रैश बैरियर नहीं लगा है। न ही रिफ्लेक्टिव टेप लगाया गया है और सफेद पट्टी भी जगह-जगह से मिट चुकी है। स्ट्रीट लाइट ठीक तरीके से नहीं जलती है। वाहनों की गति सीमा सिर्फ दिखावे के लिए अंकित है। इसका ठीक से पालन नहीं कराया जा रहा है। इस ब्लैक स्पाट से 20 मीटर की दूरी पर अवैध कट है।

    दूसरे रास्ताें पर भी ब्लैक स्पाट

    यह हाल सिर्फ इन तीन नेशनल हाईवे का नहीं है बल्कि आगरा-जयपुर हाईवे और आगरा जलेसर हाईवे पर भी ब्लैक स्पाट्स हैं। सभी हाईवे को मिलाकर जिले में 71 ब्लैक स्पाट्स हैं। हाईवे पर 100 अवैध कट हैं। सबसे अधिक कट नेशनल हाईवे-19 पर 70 हैं। अगर रोड के खराब इंजीनियरिंग की बात की जाए तो नगरायुक्त की कोठी के सामने खंदारी से मथुरा तरफ के हाईवे को तीन इंच की ढलान दी गई है। विशेषज्ञ बीके चौहान का कहना है कि ढलान देने से हाईवे खतरनाक हो गया है। कुछ यही स्थिति शास्त्रीपुरम रेल ओवर ब्रिज के पास की है।

    यह भी ब्लैक स्पाट है। जिस तरीके से स्ट्रीट लाइट लगी होनी चाहिए। वह नहीं लगी हैं। न ही ओवर ब्रिज के एप्रोच रोड पर डिवाइडर ठीक तरीके से बनाए गए हैं। सर्विस रोड बनी है लेकिन शार्प कट दिया गया है। झरना नाला, वाटरवर्क्स क्रासिंग और सुल्तानगंज की पुलिया पर भी कुछ ऐसी तरीके की खामी है। हाईवे छह लेन का बना है लेकिन पुल चार लेन के बने हैं। इससे तेजी से आते वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि तेजी से आते वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए रंबल हंप बनने चाहिए। निर्धारित दूरी पर संकेतक बोर्ड और क्रैश बैरियर लगने चाहिए। साथ ही कैट आई भी होनी चाहिए।

    - नेशनल हाईवे पर संरक्षा के इंतजाम पर ध्यान दिया जा रहा है। ब्लैक स्पाट्स को खत्म करने के प्रयास हैं। जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

    वीके जोशी, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ मथुरा खंड