आगरा में मिलावटी घी से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़े, एक्सपर्ट ने दिए बचाव के टिप्स
मिलावटी घी सहित खाद्य पदार्थ के सेवन से ह्रदय रोग मधुमेह के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। वहीं कैंसर के मरीज बढ़ने के पीछे भी एक बड़ा कारण मिलावटी और केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन माना जा रहा है। यह खून की नलिकाओं में जम जाता है इससे खून की नलिकाओं में ब्लाकेज होने से ह्रदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, आगरा। मिलावटी घी सहित खाद्य पदार्थ के सेवन से ह्रदय रोग, मधुमेह के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। वहीं, कैंसर के मरीज बढ़ने के पीछे भी एक बड़ा कारण मिलावटी और केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन माना जा रहा है। आपको बता दें कि बीते दिनों में आगरा में मिलावटी घी का कारोबार पकड़ा गया था।
एसएन मेडिकल कालेज मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि खराब गुणवत्ता के वनस्पति घी में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इसे देसी घी के रूप में बेचा जा रहा है, फास्ट फूड से लेकर सब्जी रोटी में घी लगाकर सेवन करने से शरीर में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ने लगती है। यह खून की नलिकाओं में जम जाता है, इससे खून की नलिकाओं में ब्लाकेज होने से ह्रदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।
इसके साथ ही ब्रेन स्ट्रोक का भी रिस्क तेजी से बढ़ रहा है। खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल से डायबिटीज रोग और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर कैंसर तक हो सकता है। इसलिए पिछले कुछ वर्षों में पेट, मल द्वार के कैंसर भी बढ़े हैं।
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मिलावटी है तो सब्जी और फल खाएं, दूध और घी से बचें
गैस्ट्रो एंट्रोलाजिस्ट डा. पंकज कौशिक ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से कुछ देर बाद ही पेट दर्द, उल्टी सहित फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है। मगर, ऐसा बहुत कम मामलों में होता है। मिलावटी खाद्य पदार्थ में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल, ट्रांस फैट शरीर के हर अंग को प्रभावित करते हैं। इसलिए शुद्ध् दूध, दही और घी उपलब्ध नहीं है तो इसकी जगह फल और सब्जी का सेवन बढ़ा सकते हैं। नारियल तेल, तिल का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं।
मासिक धर्म गड़बड़ाने के साथ मधुमेह का खतरा
एसएन मेडिकल कालेज की स्त्री रोग विभाग की डा. रुचिका गर्ग ने वर्ष 2023 में मासिक धर्म गड़बड़ होने, चेहरे पर अनचाहे बाल सहित हार्मोन के असंतुलन से होने वाली पाली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं के खून की जांच कराई थी। इसमें महिलाओं के खून में कई तरह के केमिकल पेस्टीसाइड्स मिले थे, ये खाद्य पदार्थ के सेवन से ही शरीर में पहुंचे थे।
आगरा में बन रहा था नकली घी
आपको बता दें कि ताजगंज क्षेत्र में शमसाबाद रोड पर टिन शेड में नकली घी फैक्ट्री संचालित हो रही थी। यहां यूरिया और फूड केमिकल से नकली घी तैयार किया जा रहा था। बड़े ब्रांडों की पैकिंग में इसे प्रदेश के कई जिलों और दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता था।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने पुलिस फोर्स के साथ गुरुवार को फैक्ट्री में छापा मारा। यहां से मैनेजर समेत पांच को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में पैक्ड नकली घी बरामद किया है। इसके साथ ही नकली घी बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला यूरिया व फूड केमिकल व 18 बड़े ब्रांडों के रैपर बरामद हुए हैं।
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