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    Agra News: बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर, मकानों पर लगे खतरे के निशान; गांव-गांव मुनादी

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Sat, 15 Jul 2023 08:06 AM (IST)

    Agra उत्तर प्रदेश में भी लगातार नदियों का बढ़ता जलस्तर बाढ़ के खतरे की ओर इशारा कर रही है। आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना के तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखकर किनारे पर रहने वाले लोग भयभीत हैं। शुक्रवार को जलस्तर 493.8 फीट पहुंचने से खेतों में पानी घुस गया है। प्रशासन सचेत हो गया है और बाढ़ से प्रभावित घरों पर निशान लगा दिए हैं।

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    बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर, मकानों पर लगे खतरे के निशान; गांव-गांव मुनादी

    आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना के तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखकर किनारे पर रहने वाले लोग भयभीत हैं। शुक्रवार को जलस्तर 493.8 फीट पहुंचने से खेतों में पानी घुस गया है। किनारे रखीं झोपड़ियां डूब गई हैं। गांव-गांव मुनादी हो रही है। आबादी वाले किनारों पर बैरीकेड कर लोगों को सावधान किया जा रहा है। कैलाश गांव से लेकर बाहर तक नदी किनारे के निकट बने मकानों पर खतरे के निशान लगा दिए गए हैं।

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    यमुना का लो फ्लड लेवल 495 फीट और मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट है। सिंचाई विभाग का पूर्वानुमान है कि जलस्तर 500 फीट तक पहुंचेगा, जिससे बाढ़ आना तय माना जा रहा है। हाई फ्लड लेवल 508 फीट है। ओखला बैराज से छोड़े जा रहे साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी में से छह हजार क्यूसेक भले ही घट गया हो, लेकिन पूर्व में जो जल निकासी हो गई है, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता आ रहा है। इससे यमुना नदी में जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।

    गोकुल बैराज से 73 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, ये जलस्तर खतरे के निशान को देर रात तक छूने का अनुमान है। शुक्रवार को दयालबाग के खासपुरा में तहलटी की झोपड़ियां डूब गई। बल्केश्वर क्षेत्र में मकानों की दीवारों से यमुना टकरा रही है।

    बैरिकेडिंग कर पुलिस दे रही पहरा

    यमुना देखने पहुंचने वालों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर पुलिस पहरा देने लगी है। फतेहाबाद के ईधौन, धारापुरा गांव के खादर में पानी पहुंचने से फसलें जलमग्न हो गईं। इससे ज्वार, हरी सब्जियां डूब गई हैं। हर क्षेत्र में टीमें निरंतर संपर्क कर लोगों को जागरूक कर रही हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शरद सौरभ गिरी ने बताया कि टीमें निरंतर जागरूक कर रही हैं। प्रशासन द्वारा मुनादी कराने, आश्रय स्थल तैयार कराने का काम हो रहा है। शुक्रवार देर रात तक या शनिवार को सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 495 फीट तक पहुंच जाएगा। लोग यमुना के निकट जाने से बचें।

    बाढ़ का खतरा

    पहाड़ी क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण नदियां उफान मारने लगी हैं। यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वालों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। शुक्रवार को जब यमुना का पानी बल्केश्वर के मनोहरपुर गांव में खेतों की ओर बढ़ा तो एक किसान अपना सामान समेटने लगा। लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है।

    कैलाश मंदिर, पोइया घाट मोक्षधाम में घुसा था पानी

    वर्ष 2010 में भी यमुना जलस्तर 499.3 फीट पहुंचा था, जिससे किनारे की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। कैलाश महादेव मंदिर के गर्भगृह तक पानी पहुंच गया था। शिवलिंग को स्पर्श करने के बाद उतरा था। पोइया घाट पर मोक्षधाम में पानी घुस गया था। दयालबाग क्षेत्र की कॉलोनियों में पानी पहुंच गया था।

    चंबल का जलस्तर भी बढ़ा

    तीन दिन से चंबल नदी का जलस्तर 113 मीटर पर स्थिर बना हुआ था। शुक्रवार को जलस्तर दो मीटर बढ़कर 115 मीटर पहुंच गया है। चंबल का लो फ्लड लेबल 130 मीटर और हाई फ्लड लेबल 137.6मीटर है। गत वर्ष चंबल नदी में बाढ़ आई थी और 36 गांवों के 8500 लोग प्रभावित हुए थे। प्रशासन के निर्देश पर संबंधित विभागों के कर्मचारी तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सचेत करने लगे हैं।

    प्रशासन ने बनाए आश्रय स्थल

    प्रशासन ने ऐसे गांव जो प्रभावित हो सकते हैं, उनको खाली कराने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं, लेकिन आश्रय स्थल तैयार कर लिए गए हैं। एसडीएम और प्रशासनिक टीमें हर क्षेत्र में नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। लाइफ सेविंग जैकेट, वाटर प्यूरीफायर टेबलेट और दवाओं का वितरण हो रहा है। गोताखोर और नाविकों की भी तैनाती की गई है।