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    फतेहपुर सीकरी में ऋषि सुनक ने बांधा मन्नत का धागा, विश्व शांति की दुआ; ताज देखकर अक्षता मूर्ति के मन में उठे क्या सवाल ?

    Rishi Sunak Agra Visits ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक आगरा में हैं। अपने परिवार के साथ आए ऋषि सुनक ने कल ताजमहल देखा था। यहां उनकी सादगी ने सभी का मन मोह लिया। वहीं आज रविवार सुबह वे लाल पत्थर से बने स्मारक फतेहपुर सीकरी पहुंचे और वहां का अवलोकन किया। ऋषि सुनक के साथ पत्नी अक्षता मूर्ति उनके बच्चे और सास सुधा मूर्ति भी हैं।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 16 Feb 2025 04:02 PM (IST)
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    फतेहपुर सीकरी में चिश्ती की दरगाह में ऋषि सुनक ने चादरपोशी की। विश्व में शांति सद्भाव के लिए दुआ मांगी।

    जागरण संवाददाता, आगरा। Rishi Sunak Agra Visits: यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक परिवार के साथ फतेहपुर सीकरी घूमने पहुंचे। उनके साथ पत्नी अक्षता मूर्ति, सास सुधा मूर्ति और दोनों बेटियां थीं। शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में पहुंचे ऋषि सुनक ने चादरपोशी की और यहां मन्नत का धागा बांधा। पूर्व पीएम ने विश्व शांति के लिए दुआ मांगी। सीकरी स्मारक के बारे में उन्होंने बारीकी से जानकारी प्राप्त की।  बता दें कि ऋषि सुनक शनिवार को आगरा आए थे और शाम को ताजमहल देखा था।

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    बेटियों के कहने पर ऋषि सुनक ने सूर्यास्त के समय दमकते ताज को निहारा

    इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी बेटियों के कहने पर शनिवार शाम को सूर्यास्त के समय सूरज की लालिमा से दमकते ताजमहल को परिवार के साथ देखने के लिए पहुंचे। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत उन्हें रविवार सुबह सूर्योदय के समय ताजमहल देखना था। वे पत्नी अक्षता मूर्ति, सास इंफोसिस फाउंडेशन की संस्थापक चेयरपर्सन, पद्म भूषण राज्यसभा सांसद सुधा नारायण मूर्ति और दोनों बेटियों कृष्णा और अनुष्का के साथ एक घंटे तक ताजमहल में रहे।

    पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने फतेहपुर सीकरी स्थित सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में चादरपोशी की और फूल चढ़ाए। उन्होंने दरगाह में मन्नत का धागा भी बांधा है।

    फतेहपुर सीकरी में बिट्रेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक।

    पर्यटकों ने लगाए जोश से भरे नारे

    पर्यटकाें ने उन्हें देखकर जोश से नारे लगाए, पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाथ जोड़कर नमस्ते से पर्यटकों का अभिवादन किया। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक परिवार के साथ विशेष विमान से सुबह खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे, वहां से होटल अमर विलास गए। उन्हें रविवार सुबह सूर्योदय के समय ताजमहल देखने के लिए जाना था। मगर, उनकी बेटी कृष्णा और अनुष्का को ताजमहल देखने की उत्सुकता थी, उनकी नानी सुधा नारायण मूर्ति भी साथ थीं। ऐसे में सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय के समय ताजमहल को देखने के बजाय शाम को सूर्यास्त के समय सूरज की लालिमा से दमकते ताजमहल को देखने के लिए परिवार के साथ शाम पांच बजे बैटरी कार से ताजमहल पहुंचे।

    सफेद शर्ट काली पैंट पहने सुनक

    सफेद शर्ट और काली पैंट पहने ऋषि सुनक अपनी दोनों बेटियों को ताज के बारे में बताते रहे, उनकी सास सुधा मूर्ति और पत्नी अक्षता ने गाइड शमशुद्दीन से ताज के निर्माण और इससे जुड़ी कहानियों के बारे में पूछा। उन्होंने परिवार के साथ सेल्फी ली और पत्नी अक्षता के हाथों पर हाथ डालकर सेंट्रल टैंक पर डायना सीट पर फोटो खिंचवाए। पर्यटकों ने उन्हें देखकर खुशी जताई और नारेबाजी की। जय कर्नाटक के नारे सुनकर सुधा मूर्ति ने पर्यटकों का अभिवादन किया। वह एक घंटे तक ताज में रहे। सोमवार की सुबह 9 बजे वह विशेष विमान से दिल्ली लौटेंगे।

    सादगी ने किया मुरीद

    ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सुरक्षा के चलते पर्यटकों को रोक दिया गया। इस पर उन्होंने अपनी बेटियों से कहा कि ज्यादा समय ना लगाएं, हमारे कारण पर्यटकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह अनूठी यादगार जगह ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ताज के दीदार के बाद एएसआई की विजिटर बुक में लिखा कि यह बहुत खूबसूरत है। दुनिया में कुछ जगह ही ऐसी हैं, जो इतनी खूबसूरत है कि बच्चों को पहली ही बार में जाने के लिए तैयार किया जा सकता है। परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह अनूठी यादगार जगह है।

    पत्नी अक्षता मूर्ति ने लिखा

    वहीं, पत्नी अक्षता मूर्ति ने लिखा कि युगों-युगों के लिए यादगार। ऋषि सुनक ने पूछा तहखाने की कब्र कब खुलती है ? गाइड शमशुद्दीन ने कहा कि शाहजहां के उर्स के दौरान तीन दिन तहखाने की कब्र आम लोगों के लिए खोली जाती हैं, नीचे वेंटीलेशन की सुविधा नहीं है। भीड़ ज्यादा रहती है इसलिए चार दशक पहले तहखाने की कब्र को बंद कर दिया गया था।

    सुधा मूर्ति ने किया ये सवाल

    सुधा मूर्ति ने पूछा स्मारक में हिंदू प्रतीक चिन्ह कौन से हैं ? गाइड शमशुद्दीन ने उन्हें बताया कि पच्चीकारी में कमल के फूल बने हुए हैं, ऊपर कलश है और गुंबद पर उल्टे कमल की पंखड़ियां हैं। रायल गेट और मुख्य गेट पर कमल बने हुए हैं। ताजमहल बनाते समय कलाकारों ने ये प्रतीक चिन्ह बनाए थे और इन्हें स्वीकार भी किया गया। उन्होंने सुधा मूर्ति से पूछा कि ताजमहल को लेकर विवाद खड़ा करने वाली पीएन ओक की पुस्तक पढ़ी है क्या ? उन्होंने जवाब दिया हां। अक्षता मूर्ति ने पूछा ताजमहल बनाने के लिए मार्बल कहां से आए थे ? गाइड ने उन्हें बताया कि राजस्थान के मकराना से मार्बल मंगाए गए थे। 

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