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    Fatehpur Sikri में पुअर हाउस की लौटेगी मुगलकालीन रंगत, गरीबाें का भरता था यहां पेट

    फतेहपुर सीकरी में नगीना मस्जिद के पास स्थित है पुअर हाउस। कहा जाता है कि यहां गरीबों को लंगर बांटा जाता था जिससे इसे लंगरखाना या पुअर हाउस कहा जाने लगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करीब 22 लाख रुपये से कराएगा यहां संरक्षण का काम।

    By Nirlosh KumarEdited By: Prateek GuptaUpdated: Fri, 11 Nov 2022 08:52 AM (IST)
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    फतेहपुरसीकरी में बना पुअर हाउस, अब इसका संरक्षण कराया जाएगा।

    आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के पास फतेहपुर सीकरी स्थित पुअर हाउस (लंगरखाना) की मुगलकालीन रंगत एक बार फिर लौटेगी। फतेहपुर सीकरी स्थित नगीना मस्जिद के समीप बने पुअर हाउस के संरक्षण को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने योजना तैयार की है। इस पर करीब 22 लाख रुपये व्यय होंगे।

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    गरीबाें को बंटता था लंगर

    मुगल शहंशाह अकबर ने फतेहपुर सीकरी को करीब डेढ़ दशक तक मुगल सल्तनत की राजधानी बनाया था। उसने यहां लाल बलुई पत्थरों से एक सुव्यवस्थित शहर बसाया था। यहां नगीना मस्जिद के समीप पुअर हाउस बना हुआ है। कहा जाता है कि यहां गरीबों को लंगर बांटा जाता था, जिससे इसे लंगरखाना या पुअर हाउस कहा जाने लगा। लाल बलुई पत्थर के इस भवन की छत और दीवारों पर प्लास्टर का काम क्षतिग्रस्त हो चुका है।

    हालत है ज्यादा खराब

    एक तरफ दीवार झुक रही है। दरार भी आ गई हैं। छत पर पौधे उग आए हैं। यहां संरक्षण कार्य कर स्मारक को संवारा जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में स्मारक के पीछे सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई चहारदीवारी को हटाया जाएगा। दीवार की वजह से स्मारक का व्यू खराब होता है। दीवार के स्थान पर लोहे की ग्रिल लगाई जाएगी। अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि पुअर हाउस के संरक्षण को शीघ्र ही काम शुरू किया जाएगा। स्मारक को मूल स्वरूप में सहेजा जाएगा।

    आकर्षक है छत

    पुअर हाउस की छत काफी आकर्षक है। यह झोपड़ी की तरह बनी हुई है। इस पर मिट्टी की खपरैल का डिजाइन लाल बलुई पत्थर में बना हुआ है, जिससे यह काफी आकर्षक दिखता है।