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    Putrada Ekadashi Vrat: 8 अगस्त को है पुत्रदा एकादशी व्रत, इस विशेष योग में पूजन कर पाएं भगवान शिव और विष्णु की कृपा

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 05 Aug 2022 03:25 PM (IST)

    Putrada Ekadashi Vrat सावन मास की पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन ही सावन का चौथा और आखिरी सोमवार भी है। पुत्रदा एकादशी पर पद्म योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। पुत्रदा एकादशी पर होता है दान का विशेष महत्व।

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    पुत्रदा एकादशी पर होता है दान का विशेष महत्व।

    आगरा, जागरण संवाददाता। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का काफी महत्व है और हर एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल उदया तिथि होने के कारण पुत्रदा एकादशी व्रत 8 अगस्त सोमवार को रखा जाएगा। ज्योतिषशास्त्री पंकज प्रभु के अनुसार पुत्रदा एकादशी व्रत करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता है।

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    बन रहे हैं शुभ संयोग

    हिंदू ज्योतिष के अनुसार पुत्रदा एकादशी के दिन इस साल कइ शुभ योग निर्मित हो रहे हैं, जिसे संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए शुभ माना जा रहा है। सावन मास की पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन ही सावन का चौथा और आखिरी सोमवार भी है। इस दिन पद्म योग और रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। एेसे अदभुत योग के दौरान यदि पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है तो पुण्य लाभ कइ गुना अधिक होता है। सावन सोमवार और एकादशी व्रत एक ही दिन होने के कारण भगवान शिव और भगवान विष्णु की कृपा एक साथ प्राप्त होगी और संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त होगा।

    सुख प्राप्त होगा।

    पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

    - श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि का आरंभ- 7 अगस्त 2022 रात 11: 50 मिनट से

    - श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि का समापन- 8 अगस्त 2022 रात 9 बजे तक

    - श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत- 8 अगस्त 2022 को उदया तिथि के अनुसार

    पूजन विधि

    पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा पाठ करके उपवास करना चाहिए। एकादशी के दिन पदम योग में भगवान श्री विष्णु की पूजाविधि विधान से करने पर सभी पापों का नाश हो जाता है। पुत्रदा एकादशी पर दान करना काफी शुरू माना जाता है। सावन मास की पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।

    ज्योतिषशास्त्री पंकज प्रभु

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।