Agra: मदद के बहाने बदलते थे ATM कार्ड, 60 सेकेंड में खाता खाली, पेटीएम से ट्रांसफर करता था एमबीए पास शातिर
Agra News एटीएम कार्ड बदलकर 60 सेकेंड में खाता खाली कर देते थे शातिर -पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर और मेवात के तीन आरोपितों को दबोचा। पेटीएम मशीन से स्थानां ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। गौतमबुद्ध नगर और मेवात के शातिर मदद के बहाने लोगों का एटीएम कार्ड बदल देते थे। पेटीएम मशीन के माध्यम से उनके खाते से 60 सेकेंड में रकम निकाल लेते थे। शातिरों को यह मशीन पेटीएम कंपनी का कर्मचारी उपलब्ध कराता था। पुलिस ने कर्मचारी समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनसे दो मशीन, रुपये और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।
साइबर सेल में आई थी शिकायत
अपर पुलिस उपायुक्त अपराध डा. राजीव कुमार ने बताया कि साइबर सेल और पुलिस ने शाहगंज निवासी रामगोपाल ने पिछले महीने शिकायत की थी। उनका एटीएम कार्ड बदलकर शातिरों ने खाते से 1.70 लाख रुपये इलेक्ट्रानिक डेटा कैप्चर मशीन (ईडीसी)की मदद से निकाल लिए थे।साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह के नेतृत्व में विजय ताेमर, सनी, मनोज कुमार की टीम ने जांच के दौरान पाया कि ईडीसी मशीन के माध्यम से विभिन्न बैंक खातों में रकम भेजी गई थी। जिसके आधार पर शाहगंज थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया था।
तीन आराेपितों को किया गिरफ्तार
अपर पुलिस उपायुक्त अपराध ने बताया कि छानबीन के बाद पुलिस ओर साइबर सेल ने शाहगंज क्षेत्र से तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। जिनके नाम आजम खां निवासी गांव मालब जिला नूह मेवात हरियाणा, नासिर निवासी नगला शरीफ जेवर बुलंदशहर और करन निवासी महुफ कालोनी पीलीभीत हैं। आरोपितों के दो साथियों इमरान निवासी नूह मेवात और अनिबरन निवासी दिल्ली की तलाश की जा रही है।।आरोपितों से 24,800 रुपये, 13 डेबिट कार्ड, दो पेटीएम मशीन, तीन मोबाइल, दो आधार कार्ड एक सिम बरामद किया है।
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पेटीएम कंपनी का कर्मचारी है करन
पुलिस ने बताया कि आरोपित पेटीएम कंपनी के कर्मचारियों करन और अनिबरन की मदद से डेबिट कार्ड से रकम दूसरे खातों में भेजते थे। एमबीए पास करन गुरुग्राम में पेटीएम कंपनी में सेल्समैन है। वह अारोपितों को 10 हजार रुपये में पेटीएम मशीन उपलब्ध कराता था। इसके लिए वह किसी तरह का सत्यापन भी नहीं करता था। जिन खातों में रकम भेजते थे। वह फर्जी प्रपत्र से खोले गए होते थे। जिसके चलते वह आरोपित पेटीएम मशीन से रकम इन खातों में भेजकर उन्हें निकाल लेते थे। मशीन से एक दिन में एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं।
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ऐसे बनाते थे शिकार
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह जिन एटीएम केबिन पर गार्ड तैनात नहीं है, वहां आने वालों को निशाना बनाते थे। वह रुपये निकालने वाले के पीछे खड़े होकर उसका पासवर्ड देख लेते थे। जिसके बाद बहाने से डेबिट कार्ड बदल देते थे। पेटीएम मशीन के माध्यम से सारी रकम अपने खाते में स्थानांरित कर देते थे। आरोपितों ने बताया कि वह दो वर्ष से यह कर रहे थे।

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