Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Elephant Laxmi: एक अनोखा अभियान, सितंबर माह में हाथियों के संरक्षण के लिए 30 मील पैदल चलेंगे लोग

    By Abhishek SaxenaEdited By:
    Updated: Wed, 07 Sep 2022 06:12 PM (IST)

    30 Mile Walk Challenge भीख मांगने के लिए हाथियों पर जुल्म किए जाते रहे हैं। भीख मांगने वाली एक हथिनी लक्ष्मी को रेस्क्यू कर मथुरा में हाथी संरक्षण केंद्र में लाया गया था। जिसके बाद उसका उपचार वाक के रूप में किया गया।

    Hero Image
    अब तक चैलेंज से जुड़ चुके हैं दुनिया भर के 4000 लोग। Picture Wild Life Sos Team

    आगरा, जागरण संवाददाता। हाथियों की मदद के लिए सितंबर में दुनिया भर के लोग 30 मील पैदल चलेंगे। वाइल्ड लाइफ एसओएस द्वारा आयोजित होने वाली इस 30 मील वाक चैलेंज का उद्देश्य भारतीय वन्यजीव संरक्षण चैरिटी द्वारा बचाए गए एशियाई हाथियों के लिए चिकित्सा उपचार और देखभाल में आने वाले खर्चे में कुछ सहायता लेना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लक्ष्मी हथिनी से प्रेरित है 30 Mile Walk Challenge

    30-मील वाक चैलेंज 2013 में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा भीख मांगने वाली हथनी लक्ष्मी से प्रेरित है। संरक्षण केंद्र में आने से पूर्व लक्ष्मी को मिठाई और तला हुआ भोजन खिलाया जाता था, जिसके कारण उसका वजन बहुत ही ज्यादा अधिक था। लक्ष्मी को रेस्क्यू कर मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में देखभाल के तहत लाया गया, जिसे वाइल्डलाइफ एसओएस, उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से संचालित करती है।

    हथिनी लक्ष्मी के शरीर पर पड़ा था बुरा प्रभाव

    लक्ष्मी का अत्यधिक वजन उसके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल रहा था, इस बात से चिंतित संस्था के पशु-चिकित्सा अधिकारीयों ने लक्ष्मी को पौष्टिक आहार पर रखा और नियमित रूप से सुबह शाम वाक भी प्रारंभ करवाई ताकि उसका वजन कम हो सके, जिससे वह फिट रहे। वर्तमान में लक्ष्मी अपनी सहेलियों के साथ एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी रही है।

    पूरी दुनिया में जुड़े चार हजार से अधिक प्रतिभागी

    एक सितंबर से शुरू हुए चैलेंज में दुनिया भर से 4,000 से अधिक प्रतिभागी जुड़ चुके हैं। प्रतिभागियों को सितंबर माह में 30 मील पैदल चलना है और हाथियों की देखभाल के लिए दान भी करना है। लक्ष्मी भी एक महीने में इतना ही पैदल चलती है। इस पूरे चैलेंज के दौरान, प्रतिभागियों को लक्ष्मी द्वारा वाक पर तय की गई दूरी की नियमित रूप से एक फेसबुक पेज पर अपडेट प्राप्त होंगे, जहां वह अपने मील को भी साझा कर सकेंगे।

    वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण, ने कहा भारत एशियाइ हाथियों की आबादी का अंतिम गढ़ है और हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए कि यह विरासत संरक्षित रहे। 

    ये भी पढ़ें...

    ये भी पढ़ें...

    Mathura Places For Visit: ये पांच मंदिर जो आपको भक्ति में कर देंगे लीन, तस्वीरों में देखें इनकी खूबसूरती