Manmohan Singh ने ताजमहल की 350वीं सालगिरह पर बनाया था मंत्री समूह, कांग्रेस नेता बोले-'बहुत सरल स्वभाव के थे'
साल 2004 में ताजमहल की 350वीं वर्षगांठ मनाने के लिए मनमोहन सिंह ने मंत्री समूह का गठन किया था। इसके लिए उन्होंने उपयुक्त समझे जाने वाले कार्यक्रमों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। आर्थिक उदारीकरण से देश को तरक्की की राह दिखाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ताजमहल कभी नहीं भुला सकता है। वर्ष 2004 में ताजमहल की 350वीं वर्षगांठ मनाने को मनमोहन सिंह ने मंत्री समूह का गठन किया था। इसके लिए उन्होंने उपयुक्त समझे जाने वाले कार्यक्रमों की पहचान करने का निर्देश दिया था। उन्हें मंजूरी देने और उनके क्रियान्वयन में इस बात का ध्यान रखने को कहा था कि कार्यक्रम से स्मारक की संरचना व पर्यावरण को कोई क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए।
ताजमहल की 350वीं वर्षगांठ का जश्न 27 सितंबर, 2004 को मनाया गया था। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मई 2004 में मंत्री समूह का गठन करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह को अध्यक्ष बनाया था। मंत्री समूह में पर्यटन मंत्री, संस्कृति मंत्री, पर्यावरण और वन मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल थे।
माधवगढ़ में हुए थे ताजमहल की 350वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
ताजमहल की 350वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम आगरा किले के यमुना किनारे की तरफ स्थित माधवगढ़ में हुए थे। बाद में एएसआई ने यहां उद्यान बनाकर पौधे रोप दिए थे। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि संसद भवन में सितंबर, 2013 की मुलाकात में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उन्होंने आगरा में पर्यटन विकास को ताज टूरिज्म अथारिटी बनाने की मांग की थी।
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मनमोहन सिंह के निधन से देश को पहुंची क्षति
उस दौरान उन्होंने पूछा था कि क्या यह संभव है? इस पर मनमोहन सिंह ने बताया था कि ताजमहल पर्यटन संबद्ध सूची में शामिल है। ऐसा करना संभव है। इस दिशा में हालांकि आशातीत परिणाम नहीं मिल सके थे। उनके निधन से देश को अपूर्णीय क्षति हुई है।

देश को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले नेता थे मनमोहन सिंह
वहीं महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ एक बार दिल्ली में मंच साझा करने का मौका मिला था। वे बहुत ही सहज और दूरदर्शिता और भारत की अर्थव्यवस्था के पितामह के साथ-साथ देश को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले नेता थे। उनके रूप में देश ने बहुमूल्य रत्न खो दिया।
बहुत सरल स्वभाव के थे पूर्व प्रधानमंत्री
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश बाबू शर्मा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से मुलाकात करने का एक बार समय मिला था। मगर, उनकी किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्तता के चलते मुलाकात नहीं हो सकी थी। वे बहुत सरल स्वभाव के थे। देश में आर्थिक सुधारों में उनका बड़ा योगदान है। वे सरल स्वभाव के थे।

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