Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी हैं यादें… क्या कहते हैं आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोग?
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में हो गया। वह एक महान अर्थशास्त्री और राजनेता थे जिन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें सिख समाज के गौरव के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले जिनमें पद्म विभूषण जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवार्ड और एशिया मनी अवार्ड शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राजनीति यात्रा के दौरान कई बार उत्तर प्रदेश, खासकर लखनऊ का दौरा किया था। वित्त मंत्री रहते हुए एक बार वह लखनऊ विश्वविद्यालय भी आए थे, जहां उन्होंने शैक्षिक और आर्थिक विकास के विषयों पर विचार व्यक्त किए।
मनमोहन सिंह 1991 में जब प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की, तो इसका प्रभाव व्यापक रहा। उनके निधन से सिख समुदाय से लेकर आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया।
सिख समाज के गौरव थे मनमोहन सिंह
रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सिख समाज के गौरव थे। वर्ष 2004 में उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद गुरुद्वारा नाका हिंडोला में विशेष पाठ रखा गया था। उनकी नीले रंग की पगड़ी पहचान बन गई। उनके निधन से सिख समाज ही नहीं बल्कि देश का नुकसान हुआ है। एक अर्थशास्त्री का अंत हो गया।
-राजेंद्र सिंह, अध्यक्ष, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने जाति धर्म से ऊपर उठकर निर्णय लिए। उनके ऊपर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगा। सिख समाज के साथ उनका जुड़ाव भले ही रहा हो लेकिन उनका निर्णय सामूहिक रूप से होता रहा है। वह एक सच्चे देशभक्त प्रधानमंत्री थे।
-जगपाल सिंह वोहरा, अध्यक्ष, गुरुद्वारा आशियाना
सिख समाज के प्रेरणा थे पूर्व प्रधानमंत्री
कांग्रेस सरकार पर भले ही कई आरोप लगे हैं, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई भी आप नहीं लगाया गया। सिख समाज के लिए वह प्रेरणा स्रोत हैं। उनके जाने से देश ने एक कुशल अर्थशास्त्री खो दिया है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
-सरदार त्रिलोचन सिंह, अध्यक्ष साहब श्री गुरु गोविंद सिंह सेवा समिति उत्तर प्रदेश
सादा जीवन उच्च विचार के नायक थे
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीवन सादगी भरा था और उनके विचार देश की तरक्की और अर्थव्यवस्था को सुधारने के रहे। मेरे एक रिश्तेदार उनके परिवार के थे लेकिन कभी भी उन्होंने किसी के लिए सिफारिश नहीं की उनके जैसा इंसान बहुत कम धरती पर अवतरित होता है।
-जेएस चड्ढा, चेयरमैन गुरुद्वारा आशियाना
एक सफल अर्थशास्त्री थे मनमोहन सिंह
वित्त मंत्री के तौर पर डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान महत्वपूर्ण है। आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को भूला नहीं जा सकता है। देश के विकास के लिए उन्होंने जो अर्थनीति रखी, उससे अर्थव्यस्था को गति मिली। उनके जैसा वित्त मंत्री नहीं हुआ।
-मनीष गोयल, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लखनऊ चैप्टर
सरकार का पक्ष रखने वाले अर्थशास्त्री
1986 में नई दिल्ली में वर्ल्ड इकोनॉमी कांग्रेस में डॉ. मनमोहन सिंह से भेंट हुई थी। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में भी आ चुके हैं। उनकी अर्थ नीति सरकार को केंद्र में रखकर थी। उनकी नीतियां सरकार के साथ रहीं। वित्त मंत्री के तौर पर वह पाश्चात्य दृष्टिकोण रखते थे, उससे प्रभावित ही उनकी कुछ नीतियां थीं, इससे कृषि क्षेत्र छूट गया।
-प्रो. एमके अग्रवाल, अर्थशास्त्री, लखनऊ विश्वविद्यालय
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