महाकुंभ विमर्श : 'आप Maha Kumbh में डुबकी लगाएं, बाकी योगी जी पर छोड़ दें', आगरा में बोले मंत्री एसपी सिंह बघेल
आगरा के खंदारी स्थित जेपी सभागार में दैनिक जागरण के महाकुंभ विमर्श में शहरवासी जुटे। कुंभ की दिव्यता और भव्यता के साथ आध्यात्मिक महत्व पर मंथन हुआ। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। गंगा यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर परम मोक्ष की प्राप्ति करें। महाकुंभ में धर्म की ध्वजा तो फहरेगी ही प्रदेश की इकोनोमी को भी बूस्ट मिलेगा।

जागरण संवाददाता, आगरा। महाकुंभ। सनातन के गौरव और भारतीय संस्कृति व संस्कारों का प्रतीक। इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अवर्णनीय है। 144 वर्षों के अंतराल पर प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहा महाकुंभ दिव्य ही नहीं भव्य भी होगा। आस्था के संगम में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
प्रयागराज का कुंभ इसलिए भी विशेष है, क्योंकि यहां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर परम मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में धर्म की ध्वजा तो फहरेगी ही प्रदेश की इकोनोमी को भी बूस्ट मिलेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि आप महाकुंभ में आएं और डुबकी लगाएं, बाकी सब योगी जी पर छोड़ दें...।
अच्छी व्यवस्थाओं के आगे अर्द्ध शब्द ही गायब हो गया
दैनिक जागरण द्वारा डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में शुक्रवार को आयोजित महाकुंभ विमर्श के समापन सत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि वर्ष 2019 में हुए अर्द्धकुंभ में व्यवस्थाएं इतनी अच्छी थीं कि अर्द्ध शब्द ही गायब हो गया। प्रयागराज में होने जा रहा महाकुंभ सर्वहारा वर्ग का मेला है। यह अकेली जगह है, जहां कोई मूर्ति नहीं है। केवल नदी में आस्था की डुबकी लगाई जाएगी। इसका आध्यात्मिक, साहित्यक और धार्मिक महत्व है। महाकुंभ में पूरे देश के लोग आएंगे। अप्रवासी भारतीयों के साथ विदेशी भी आएंगे।
जेपी सभागार में मौजूद अतिथि।
महाकुंभ से यूपी को फायदा
एसपी सिंह बघेल ने कहा, कि प्रयागराज में महाकुंभ से पूर्वी उत्तर प्रदेश को फायदा होगा। अयोध्या, काशी और प्रयागराज का नया टूरिज्म सर्किट बनेगा। महाकुंभ के लिए पर्यटक दिल्ली आएंगे तो ताजमहल देखने आगरा अवश्य आएंगे। महाकुंभ क्या है, यह वहीं जाकर पता चलेगा। महाकुंभ में एक डुबकी लगाएं और 40 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना को आगे बढ़ाएं। बाकी सब योगी जी पर छोड़ दें...।
महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को बताया
इससे पूर्व वृंदावन बालाजी देवस्थान, वृंदावन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु डा. अनुराग कृष्ण पाठक ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर वैसे तो तमाम पौराणिक मान्यताएं हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है। जब समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला, तो उसे पाने के लिए देवताओं और दानवों में खींचतान होने लगी। उस समय अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों पर गिरीं, जिनमें हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज शामिल थे। इसके बाद से ही हरिद्वार में गंगा किनारे, उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे, नासिक में गोदावरी के किनारे और प्रयागराज में संगम के किनारे कुंभ का आयोजन किया जाता है।
भजनों से श्रोताओं को किया मंत्र मुग्ध
भजन गायक पं. मनीष शर्मा ने भजनों से श्रोताओं को भक्ति सागर में गोते लगवाए। पर्यटन और महाकुंभ सत्र में वक्ताओं ने महाकुंभ से भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार होने से पर्यटन कारोबार को बल मिलने की बात कही।
भारतीय संस्कृति का प्रतीक है महाकुंभ उद्घाटन सत्र में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंंत्री बेबीरानी मौर्य ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। 144 वर्षों के अंतराल पर प्रयागराज में हो रहा महाकुंभ लोगों को आपस में जोड़ने का अवसर है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आयोजन पर निरंतर निगाह रखे हुए हैं। महाकुंभ कितना भव्य है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसे वहां जाकर ही जान सकेंगे। तकनीकी समावेश से इस बार लोगों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। महाकुंभ से जुड़कर लाभ लें। पापों से मुक्ति एवं मोक्ष के लिए महाकुंभ आएं।
ये भी पढ़ेंः शाकाहारी ब्राह्मण युवक को वेज का स्टिकर लगाकर दिया नॉनवेज पिज्जा, बोला- 'मेरी आस्था और भावनाएं आहत हुईं'
ये भी पढ़ेंः 'तैमूर अगर बलात्कारी तो कुमार विश्वास सबूत दें', पूर्व सांसद एसटी हसन ने कवि के तंज पर की टिप्पणी
हर घर एवं हर व्यक्ति का त्योहार है महाकुंभ
उदघाटन सत्र में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता सिंह चौहान ने कहा कि महाकुंभ हर घर एवं हर व्यक्ति का त्योहार है। वर्ष 2019 से पूर्व महाकुंभ को साधु-संताें के लिए जाना जाता था, लेकिन आज पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। महाकुंभ आत्मा और शरीर के शुद्धिकरण का स्थान है। यहां 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। महिला आयोग यहां महिलाओं की सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित कराते हुए कैंप लगाएगा। बच्चों को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से परिचित कराने को अभिभावक कुंभ लेकर जाएं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।