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Agra: लाइक-कमेंट और शेयर के फेर में फंसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती, 5 के 10 हजार मिले तो कर बैठी ऐसा काम, खाली हुआ अकाउंट

साफ्टवेयर इंजीनियर युवती से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर सवा छह लाख रुपये ठगे। इंजीनियर को टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ने के बाद फर्जी पोर्टल पर लाभ दर्शा शातिर अपने खातों में रकम जमा कराते रहे। युवती ने रकम लौटाने को कहा तो उसे टैक्स नहीं भरने पर जेल जाने का डर दिखाया। इंजीनियर युवती स्वजन को जानकारी दिए बिना 6.22 लाख रुपये किस्तों में जमा करा दिए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Published: Tue, 21 May 2024 08:05 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2024 08:05 AM (IST)
साइबर अपराधियों ने टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर बनाया शिकार।

जागरण संवाददाता, आगरा। साइबर अपराधियों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर लाभ का लालच देकर साफ्टवेयर इंजीनियर युवती से सवा छह लाख रुपये ठग लिए। शातिरों द्वारा और रकम जमा कराने का दबाव बनाने पर पीड़िता ने पति को जानकारी दी। मामले में मुकदमा साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

शाहगंज के दौरेठा स्थित भगवान कालोनी निवासी राशि तिवारी क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी का शिकार हुईं। राशि और उनके पति सौरभ तिवारी साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। दोनों जयपुर में रहते हैं। दंपती मई में अपने घर आए थे। राशि ने पुलिस को बताया कि नौ मई काे इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देखा। जिसमें घर बैठे कमाई के बारे में बताया गया था। विज्ञापन पर क्लिक करके वह टेलीग्राम के एक ग्रुप से जुड़ गईं। इसमें वीडियो लाइक और शेयर करने काे कहा गया।

वीडियो भेज कर लाइन व कमेंट कराए गए

उन्हें वीडियो भेज कर लाइक व कमेंट कराए गए। इसके बाद उन्हें एक दूसरे ग्रुप से जोड़ा गया। इसमें क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर अच्छा लाभ होना बताया गया। उनसे पहले एक हजार रुपये लिए, कुछ घंटे में बाद ही उन्हें 1300 रुपये लौटा दिए। इसके बाद तीन हजार रुपये लेकर पांच हजार लौटा दिए। जिससे उन्हें लगा कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश काफी लाभ है।

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शातिरों ने पहले लौटाए दस हजार रुपये

वह झांसे में आ गईं। शातिरों ने उन्हें पांच हजार के बदले 10 हजार रुपये लौटाए। इसी तरह उनसे 50 हजार रुपये जमा कराने के बाद बैलेंस के रूप में डेढ़ लाख रुपये दिखाए। राशि ने पुलिस को बताया कि साइबर शातिरों ने फर्जी पोर्टल बना रखा था। जिस पर जाल में फंसे निवेशकों का हर समय बैलेंस दर्शाया जाता है। जिससे कि निवेशक को विश्वास हो जाए। साइबर शातिरों के कुछ सदस्य ग्रुप पर लाभ होने का मैसेज करते रहते थे।

लाखों जमा कराए

उन्होंने पोर्टल पर दर्शाई जाने वाली रकम खाते में भेजने को कहा, जिस पर साइबर शातिरों ने उनकी गलतियां बतानी शुरू कर दीं। बिना टैक्स भरे धनराशि खाते में जमा कराने पर जेल भेजने का डर दिखाया गया। इससे वह दहशत में आ गईं। शातिरों ने 11 से 17 मई के दौरान उनसे साइबर शातिरों अपने खाते में 6.22 लाख रुपये जमा करा लिए।

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आरोपित और रकम जमा कराने का दबाव बनाने लगे तो उन्होंने इसकी जानकारी अपने पति को दी। स्वजन ने मामले में साइबर थाने में शिकायत की है। साइबर सेल द्वारा आरोपितों के खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। 


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