Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Maha Kumbh 2025: सनातन की राह में दंपती ने किया जूना अखाड़े में 'कन्या-दान', दादा बोले- 'पौत्री ने कुल का नाम रोशन किया'

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 11:03 AM (IST)

    Maha Kumbh 2025 जूना अखाड़े में शामिल हुई राखी के परिवार को उस पर गर्व है। राखी के दादा का कहना है कि उनकी पौत्री ने कुल का नाम रोशन किया है। राखी पढ़ ...और पढ़ें

    Hero Image
    Maha Kumbh 2025: गंगा नदी के घाट पर दान के बाद गुरु कौशल गिरि के साथ राखी सिंह। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण-फतेहाबाद(आगरा)। Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में जूना अखाड़े में शामिल हुई राखी के परिवार के लोगों को गर्व है। राखी के 70 वर्षीय दादा रौतान सिंह का कहना है कि उनकी पौत्री ने कुल का नाम रोशन किया है। वह अब सनातन धर्म को मजबूत करने में अपना योगदान देगी। कुंडौल के स्प्रिंग फील्ड इंटर कालेज में कक्षा नौ की छात्रा राखी पढ़ने-लिखने में तेज और मृदुभाषी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दादा रौतान सिंह ने बताया कि राखी अंतरमुखी स्वभाव की है और कम बोलती है। चार प्रश्नों का उत्तर एक ही वाक्य में दे देती है। सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था रखने वाली राखी नित्य पूजन करती है।

    पौत्री का है सम्मान

    दादा का कहना है कि पौत्री का काफी सम्मान है। लोग उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। उसके पिता संदीप सिंह धाकरे को गांव में लोग दिनेश नाम से जानते हैं। संदीप 20 वर्ष पूर्व गांव छोड़कर डौकी चले गए थे। वहां उनकी पेठा फैक्ट्री है।

    राखी होनहार छात्रा है

    स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज के प्रबंधक पीसी शर्मा ने बताया कि राखी होनहार छात्रा है। उसमें अपनी बातों से वह हर किसी को आकर्षित करने की कला है। साध्वी बनने का उसका निर्णय उचित और स्वागतयोग्य है।

    सोमवार को संदीप सिंह धाकरे अपनी पत्नी और राखी के साथ महाकुंभ में पहुंचे और बेटी को जूना अखाड़ा को दान कर दिया। बताया कि बेटी की इच्छा है कि वह साध्वी बने। गुरुग्राम (हरियाणा) से आए जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राखी को शिविर प्रवेश कराया और नामकरण किया 'गौरी'।

    19 को होगा शिविर में पिंडदान

    गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को शिविर में होगा। सभी धार्मिक संस्कार कराए जाएंगे। इसके बाद से बेटी, गुरु के परिवार का हिस्सा हो जाएगी। मूल परिवार उससे छूट जाएगा।

    ये भी पढ़ेंः UP Police के दारोगा अमित यादव की होटल के कमरे में मौत, रात में बहन-बहनाेई संग खाना खाकर सोए; सुबह नहीं खुलीं आंखें

    परिवार ने कहा, ये हमारा सौभाग्य

    मां रीमा ने बताया कि गुरु की सेवा में करीब चार साल से जुड़े हैं। कौशल गिरि ने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी, भंडारा भी हुआ था, उसी समय से मन में भक्ति जागृत हुई। बताया कि 26 दिसंबर को दोनों बेटियों के साथ महाकुंभ मेला क्षेत्र में आए। गुरु के सान्निध्य में शिविर सेवा में लगे हैं। राखी ने साध्वी बनने की इच्छा जताई थी। उसकी इच्छा पूरी करते हुए कौशल गिरि के माध्यम से सेक्टर 20 में शिविर प्रवेश कराया।

    पिता संदीप सिंह का कहना है कि बच्चों की खुशी, मां-बाप की खुशी होती है। बेटी चाहती थी कि साध्वी बने, उसके मन में वैराग्य जागृत हुआ, यह हमारे लिए सौभाग्य है।

    बिना किसी दबाव के परिवार ने दान की बेटी: कौशल

    जूना अखाड़ा के महंत कौशल गिरि का कहना है कि परिवार ने बिना किसी दबाव के बेटी का दान किया है। संदीप सिंह ढाकरे और उनकी पत्नी काफी समय से आश्रम से जुड़े हैं।

    संबंधित खबरः महाकुंभ में दंपती ने दान कर दी अपनी बेटी, राखी से ‘गौरी’ बनी 13 साल की बिटिया… क्या है बड़ी वजह?

    परिवार चाहता था कि उनकी बेटी साध्वी बने, यही इच्छा गौरी (पूर्व नाम राखी) की भी है। परिवार की इच्छा और सहमति से गौरी को आश्रम में स्वीकार कर लिया गया है। बेटी और पढ़ना चाहेगी तो उसे अध्यात्म की शिक्षा दिलाएंगे।